नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। देश में केंद्र सरकार ने लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार ने एक देश-एक चुनाव को लेकर संविधान में संशोधन का सुझाव देने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है, जिसमें 8 सदस्यों को शामिल किया गया है। यह कमेटी कोविंद समिति लोकसभा चुनाव, विधानसभाओं के चुनाव, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार करेगी और फिर सरकार से सिफारिश करेगी।
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, देश में एक साथ चुनाव कराने को लेकर गठित कमेटी इस बात का अध्ययन करेगी कि क्या संविधान में संशोधन के लिए राज्यों के अनुमोदन की जरूरत होगी? सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि कमेटी एक साथ चुनाव कराने की सभी संभावनाओं पर तुरंत काम शुरू करेगी और जल्द से जल्द सरकार को अपनी सिफारिशें भेजेगी।
पहले जानिए कमेटी में कौन-कौन शामिल हैं?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी
पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद
भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे
पूर्व सीवीसी संजय कोठारी
वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह
लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (विशेष आमंत्रित सदस्य)
अमित शाह- वर्तमान में देश के गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री हैं। शाह गांधीनगर सीट से लोकसभा सांसद हैं। गुजरात में नरेंद्र मोदी के साथ काम कर चुके शाह ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बीजेपी रिकॉर्ड सीटों पर जीत के साथ देश की सत्ता पर काबिज हुई। इसके बाद उनको बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया, बाद में वह राज्यसभा भी गए।
अधीर रंजन चौधरी- 1999 से लोकसभा के सांसद अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल से आते हैं। अधीर वर्तमान में बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं। बड़ी बात यह है कि अधीर रंजन ने गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिखकर कमेटी में शामिल होने से इनकार किया है।
गुलाम नबी आजाद- जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके गुलाम नबी आजाद ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ के अध्यक्ष हैं। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने नई पार्टी का ऐलान किया था। साल 2024 में मोदी सरकार आने के बाद कांग्रेस ने उनको राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया था। भारत सरकार ने उनको 2022 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
हरीश साल्वे- सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील और भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने 1999 से 2002 तक सॉलिसिटर जनरल के रूप में अपनी सेवाएं दीं। कहा जाता है कि हरीश साल्वे देश में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले वकीलों में से एक हैं। एक वकील के रूप में देश में उनकी सबसे ज्यादा मांग होती है।
संजय कोठारी- संजय कोठारी ने साल 2020 से 2021 तक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के रूप में काम किया था। कोठारी 1978 बैच के IAS अधिकारी रहे. वह साल 2016 में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में सचिव के रूप में रिटायर हुए। बड़ी बात यह है कि 2017 में कोठारी रामनाथ कोविंद के सचिव बनाए गए थे।
एनके सिंह- एनके सिंह को अर्थशास्त्री, शिक्षाविद् और नीति निर्माता के रूप में जाना जाता है। सिंह वर्तमान में वित्त आयोग के चीफ हैं। कांग्रेस सरकार की दौरान साल 2008 से लेकर 2014 तक एनके सिंह राज्यसभा सांसद रहे। एनके सिंह बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी रहे। सिंह प्रधानमंत्री के सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
सुभाष कश्यप- साल 1953 से 1990 तक संसद में काम करने वाले सुभाष कश्यप संवैधानिक और संसदीय कानून के विशेषज्ञ हैं। साल 2015 में केंद्र सरकार ने उनको देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था, सुभाष कश्यप लेखक भी हैं।
अर्जुन राम मेघवाल- अर्जुन राम मेघवाल वर्तमान में देश कानून एवं न्याय मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री हैं। मेघवाल राजस्थान की बिकानेर लोकसभा सीट से सांसद हैं। वह लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक भी रहे। फिलहाल इस कमेटी में वह विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।