नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। भारत ने युनाइटेड नेशन में पाकिस्तान को स्पष्ट किया है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भारत ने कहा कि तकनीकी कुतर्कों में उलझने की बजाय पाकिस्तान मुंबई आतंकी हमले के अपराधियों पर विश्वसनीय और सत्यापित कार्रवाई करे। भारत आतंकी हमले के 15 साल बाद भी न्याय का इंतजार कर रहा है। इनके अलावा भारत ने दक्षिण एशिया में शांति के लिए पाकिस्तान को तीन सलाह दी। भारत ने आतंकवाद पर रोक लगाने, जम्मू कश्मीर के कब्जे वाले क्षेत्र को खाली करने और अल्पसंख्यक आबादी पर अत्याचार बंद करने कहा है।

भारत की तरफ से डिप्लोमेट पेटल गहलोत ने पाकिस्तान को कब्जे वाले क्षेत्र को खाली करने कहा। भारत ने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश के कब्जे वाले क्षेत्र को खाली करने के साथ-साथ आतंकवाद पर कार्रवाई करें। उन्होंने 26/11 आतंकी हमले के आरोपियों को सजा देने की अपील की। इससे पहले पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जहर उगला था। इसपर भारत ने कहा कि पाकिस्तान यूएन के मंच का दुरुपयोग करता है।

पाकिस्तान ने यूएन में उगला जहरआतंकवाद को पालने पोसने वाले देश पाकिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकड़ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाने की हिमाकत की। बार-बार इंटरनेशनल बेइज्जती के आदी हो चुके पाकिस्तान के पीएम अनवर उल हक काकड़ ने एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापा। काकड़ ने दावा किया कि पाकिस्तान अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण और मजबूत रिश्ते चाहता है। पाकिस्तान के केयरटेकर पीएम ने कहा कि पाकिस्तान भारत समेत सभी पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण और मजबूत संबंध चाहता है। कश्मीर पाकिस्तान और भारत के बीच शांति की कुंजी है। जम्मू-कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे में सबसे लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों में से एक है।

भारत ने पाकिस्तान को दी ये सलाह :
भारत की तरफ पेटल गहलोत ने युनाइटेड नेशन जनरल असेंबली में अपनी बात रखी। पाकिस्तान को भी उन्होंने जवाब दिया। भारत ने पाकिस्तान को मानवाधिकार में सुधार करने की भी सलाह दी। भारतीय राजनयिक गहलोत ने कहा कि अच्छा होगा कि दूसरों पर उंगली उठाने की बजाय पाकिस्तान अपना मानवाधिकार रिकॉर्ड सुधार ले। अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर आए दिन अत्याचार होते हैं। पाकिस्तान में पिछले दिनों ईसाई समुदाय के साथ क्रूरता देखी गई है, जहां कुल 19 चर्च जला दिए गए और 89 ईसाई घर जला दिए गए। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से हिंदू, सिख और ईसाइयों की महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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