बिलासपुर/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ का कथित शराब घोटाला हुआ था। जिसमें अनवर ढेबर सहित त्रिलोक सिंह ढिल्लन, नितेश पुरोहित, अरूणपति त्रिपाठी को मुख्य आरोपी बनाया गया था। इन सभी की परमानेंट जमानत याचिका को हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच ने आज खारिज कर दिया है। चारों आरोपियों को ईडी ने गिरफ्तार किया था।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ था। जिसका मुख्य आरोपी अनवर ढेबर था। अनवर ढेबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद अनवर मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत पर था। ईडी ने पिछले मई के महीने में अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि अनवर ने साल 2019 से 2022 तक 2000 करोड़ रुपए का अवैध धन कमाया है। जिसे अनवर ने अपने साथी विकास अग्रवाल के जरिए दुबई में खपाया था। ईडी की ओर से कहा गया है कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को परसेंटेज के मुताबिक पैसे बांटे और बड़ी रकम अपने पॉलीटिकल मास्टर्स को दी है।

इस घोटाले के मामले में आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी, कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन, नितेश पुरोहित और अरुनपति त्रिपाठी को भी गिरफ्तार किया गया है। इस केस में फिलहाल अनवर ढेबर को मेडिकल ग्राउंड जमानत पर छोड़ा गया है। ईडी की ओर से जारी आधिकारिक जानकारी में कहा गया है कि अरुण पति त्रिपाठी और अफसर अनिल टुटेजा से 121. 87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच की गई है। शराब घोटाला मामले में अब तक प्रदेश में कुल 180 करोड़ की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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