रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। लोकसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ की जिस हाईप्रोफाइल सीट की चर्चा रही है, उनमें राजनांदगांव की सीट भी है. क्योंकि इस सीट से पूर्व सीएम भूपेश बघेल मैदान में थे.
इस सीट से BJP एक बार फिर से जीत का रिकॉर्ड बरकरार रख रही है. यहां से BJP के संतोष पांडे बढ़त बनाए हुए है. भूपेश बघेल और संतोष के बीच वोटों का काफी बड़ा अंतर है. भूपेश बघेल की हार तय है.देश में मोदी लहर और छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर बीजेपी के जीत के दावे के बीच कांग्रेस की नैया राजनांदगांव सीट से भी पार नहीं लग पाई है. इस सीट से कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को टिकट दिया था. यहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में मिली बड़ी पटखनी के बाद भूपेश बघेल को लोकसभा चुनाव का जीतना सबसे बड़ा टास्क था. बड़ा टास्क इसलिए भी था, क्योंकि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद कांग्रेस और खुद भूपेश बघेल कई आरोपों में घिरे हुए थे. यहां से जीत दर्ज करना भी इनकी प्रतिष्ठा का सबसे बड़ा सवाल था.
छत्तीसगढ़ के लोग इन्हें ‘भूपेश कका’ कहकर पुकारते हैं. सीएम रहते हुए इन्होनें नरवा, घुरवा बाड़ी, महिला सशक्तिकरण सहित अन्य क्षेत्रों में काफी काम किया था. देश में कांग्रेस की डूब रही नैया के बीच पार्टी ने बड़े चेहरों को टिकट दिया था, उनमें से भूपेश बघेल एक थे.
अब जानते हैं राजनांदगांव सीट का इतिहास :
राजनांदगांव लोकसभा सीट की बात करें तो बीते 5 में चुनावों से यह सीट बीजेपी के कब्जे में रही है. हालांकि बीच में एक उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी. 1999 में इसी सीट से रमन सिंह को जीत को मिली, 2004 में प्रदीप गांधी जीते लेकिन 2007 के उपचुनाव में कांग्रेस के देवव्रत सिंह यहां से जीत गए, 2009 में मधुसूदन यादव यहां से सांसद थे तो वहीं 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह यहां से सांसद बने. जबकि पिछले यानी 2019 में संतोष पांडे को पार्टी ने मौका दिया और वह सांसद बने इसलिए इस लोकसभा सीट पर ज्यादातर बीजेपी का कब्जा रहा है.