रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। राजधानी से आए दिन कुछ न कुछ बड़े मामले सामने आते रहतें हैं। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला राजधानी स्थित डेंटल कालेज से सामने आया है। शासकीय डेंटल कालेज में छात्रों के दो समूहों के बीच रैगिंग का मामला उजागर हुआ है। छात्रों के बीच कुछ दिनों पहले देर रात हुई मारपीट में एक छात्र को कान के नीचे गंभीर चोट आई है। पीड़ित की शिकायत पर रैगिंग कमेटी ने सख्त एक्शन लेते हुए आरोपी छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की अनुशंसा की है। आदेश भी निकल गया गया है। सूत्रों के मुताबिक एक सप्ताह तक छुट्टियां का माहौल होने के कारण डेंटल कॉलेज बंद रहा, इसलिए इस मामले की सुनवाई कल रैगिंग कमेटी ने की। इस दौरान प्राचार्य, प्राध्यापक और रैगिंग कमेटी के सदस्य उपस्थित थे। पूरे मामले पर विचार करने के बाद कमेटी ने यह अनुशंसा की कि रैगिंग करने वाले छात्रों को 3 माह के लिए कालेज और होस्टल से निष्कासित किया जाए, जबकि सह आरोपी छात्र को डेढ़ महीने के लिए निष्कासित किया जाए। इसके अलावा हॉस्टल में भी नहीं रहने की सजा दी गई है।
घटना एक सप्ताह पूर्व की बताई जाती है, मगर छुट्टियों के कारण कॉलेज बंद रहा और इसलिए कल रैगिंग कमेटी ने पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए यह सजा तय की। सूत्रों के मुताबिक रैगिंग का मामला बीडीएस प्रथम वर्ष के छह छात्रों के साथ हुआ। एंटी रैगिंग कमेटी की जांच के बाद प्राचार्य ने इंटर्नशिप करने वाले और रैगिंग के मुख्य आरोपी छात्र निखिल आनंद और अमित खरे को तीन माह और आयुष मालेवार को डेढ़ माह के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। निखिल और अमित के हास्टल व कालेज में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। दोनों छात्र हास्टल में रखकर इंटर्नशिप कर रहे थे, जबकि आयुष बाहर रहता है। प्राचार्य ने स्वजन की मौजूदगी में दोषी छात्रों से शपथ पत्र भरवाकर चेतावनी दी है कि दोबारा ऐसा करते पाए जाने पर कालेज से निष्कासित करने की कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित छात्रों ने प्राचार्य से रैंगिग की लिखित शिकायत की थी।
गौरतलब है कि चार साल के बीडीएस कोर्स पूरा करने के बाद एक साल का इंटर्नशिप की जाती है। छह अगस्त की रात करीब एक बजे हास्टल में रहने वाले सीनियरों ने जूनियरों को कमरे से बाहर बुलाया। छह छात्रों ने विरोध किया तो सीनियर्स गाली-गलौज करने लगे। इसके बाद हास्टल के अंदर छात्रों को आरोपितों ने घेर लिया और उनके साथ मारपीट की। सीनियरों के भय का अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पीड़ित छात्र शिकायत करने को तैयार नहीं हो रहे थे। घटना के एक-दो दिनों बाद दो छात्रों ने प्राचार्य से लिखित शिकायत की। प्राचार्य के निर्देश पर कालेज की तरफ से गठित एंटी रैगिंग स्क्वायड कमेटी मामले की जांच कर रही थी। स्क्वायड कमेटी की रिपोर्ट के बाद बुधवार को एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक हुई, जिसमें दोषी छात्रों पर कार्रवाई की गई।