मोहला-मानपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। मोहला-मानपुर के जंगल में आतंक का पर्याय बन चुका तेंदुआ आखिरकार पकड़ में आ ही गया. पालतू जानवरों की सुरक्षा के लिए ग्रामीण द्वारा बाड़ी में लगाए गए फंदे में तेंदुआ फंस गया. सूचना मिलने पर पहुंचे वन अमले ने डॉक्टर की मदद से तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर कब्जे में किया और रायपुर स्थित जंगल सफारी में भेजा दिया.

मानपुर ब्लॉक मुख्यालय से 6 किमी दूर बीहड़ों के बीच बसे ग्राम ढब्बा व मेंढ़ा के बीच मौजूद एक ग्रामीण के बाड़ी में लगे फंदे में फंस कर तथा जख्मी होकर एक तेंदुआ वन अमले के हत्थे चढ़ गया. अब धुर नक्सल प्रभावित इलाके के जंगल में खौफ का पर्याय बना उक्त तेंदुआ जंगल सफारी रायपुर दाखिल करा दिया गया है.

दरअसल, ये तेंदुआ मेंढ़ा गांव से महज कुछ दूर मौजूद अपनी बाड़ी में एक स्थानीय ग्रामीण ने अपने पालतू बकरियों, मुर्गे-मुर्गियों को आस-पास आमद रखने वाले छोटे जंगली जानवरों से बचाने की नियत से फंदा लगा रखा था. इसी बीच 8 व 9 अक्टूबर की दरमियानी रात उक्त फंदे में बाड़ी में दाखिल हो रहा एक तेंदुआ फंस गया.

तेंदुए के बाड़ी में फंसे होने की सूचना पर रायपुर से ट्रेंकुलाइजर टीम को बुलवाया गया. रायपुर जंगल सफारी से पहुंचे डॉ. राकेश वर्मा ने तेंदुए को ट्रेंकुलाइज किया, जिसके बाद तेंदुए को पिंजरे में सुरक्षित डालकर रायपुर जंगल सफारी भेज दिया गया. डीएफओ के मुताबिक, ग्रामीण की बाड़ी में लगे फंदे में फंसे उक्त तेंदुए की शरीर का पिछला हिस्सा जख्मी हो गया था. इस लिहाज से उसे तत्काल जंगल सफारी भेज दिया गया.

दरअसल मानपुर उत्तर वन परिक्षेत्र सागौन, बांस की अवैध कटाई जोरों पर है. वहीं वन खनिज संपदा का भी अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है. वहीं दूसरी ओर जंगल में वन्य जीवों के लिए न पीने के पानी का माकूल इंतजाम किया गया है, और न ही वन संपदा तथा वन्य जीव संरक्षण के लिए काम किया जा रहा है. यही वजह है कि भूख-प्यास व्याकुल जंगल जानवर गांवों का रुख कर रहे हैं.

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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