धमतरी / कुरुद। गुलशन कुमार। 4 साल की मासूम बच्ची के साथ हुए बलात्कार व स्वास्थ्य विभाग द्वारा ईलाज में की गई लापरवाही के खिलाफ ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ने 14 अक्टूबर को तहसील कार्यालय कुरूद के सामने विरोध प्रदर्शन कर आक्रोश जताया साथ ही ज्ञापन सौंपा गया।

जिसमें छात्र संगठन एआईडीएसओ, युवा सगठन एआईडीएवायओ, महिला संगठन एआईएमएसएस द्वारा सौपे गए ज्ञापन में मांग करते हुए कहा है कि बच्ची के पूरे इलाज का खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाए और पूरी व्यवस्था सरकार के देखरेख में हो। इलाज में लापरवाही बरतने वाले डाक्टरों पर उचित कार्यवाही किया जाए। महिलाओं व बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाए। नशे, शराब, पोर्नोग्राफी साइट्स व अश्लीलता पर रोक लगाये व बलात्कारियों को सजा देने हेतु कठोर कानून बनाये। सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सिविल अस्पताल, जिला अस्पतालो में सभी प्रकार के विशेषज्ञ डॉक्टरों की तत्काल व्यवस्था की जाये पर्याप्त नर्सों व स्टाफ की व्यवस्था की जाये सभी प्रकार की मशीन व ऑपरेटर की व्यवस्था की जाये एवम इलाज में लापरवाही बरतने अधिकारियों कर्मचारियों पर कठोर की जाये।संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि आज हमारे देश को आजाद हुए 76 साल हो गए है लेकिन आज भी महिलाए, बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं। अभी 18 सितंबर की शाम 4:30 बजे के करीब एक मासूम 6 साल की बच्ची स्कूल से आने के बाद खेल रही थी तभी 17 साल का नाबालिक लड़का उसको ठेले में घुमाने के बहाने उसे घर से लगभग 100 मीटर की दूरी पर ब्यारा में ले गया और उसके साथ बलात्कार कर अमानवीय घटना को अंजाम दिया। जब बच्ची गिरते संभालते घर पहुंची उसने रोते हुए बताया कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है उसके बाद वे गाँव के 3 डाक्टरो के पास भटकते रहे पर सब ने इलाज करने से मना किया। रातभर बच्ची दर्द से तड़पती रही। 19 सितंबर को सिविल अस्पताल कुरुद लाया गया।

संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि आज हमारे देश को आजाद हुए 76 साल हो गए है लेकिन आज भी महिलाए, बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं। अभी 18 सितंबर की शाम 4:30 बजे के करीब एक मासूम 6 साल की बच्ची स्कूल से आने के बाद खेल रही थी तभी 17 साल का नाबालिक लड़का उसको ठेले में घुमाने के बहाने उसे घर से लगभग 100 मीटर की दूरी पर ब्यारा में ले गया और उसके साथ बलात्कार कर अमानवीय घटना को अंजाम दिया। जब बच्ची गिरते संभालते घर पहुंची उसने रोते हुए बताया कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है उसके बाद वे गाँव के 3 डाक्टरो के पास भटकते रहे पर सब ने इलाज करने से मना किया। रातभर बच्ची दर्द से तड़पती रही। 19 सितंबर को सिविल अस्पताल कुरुद लाया गया तो वहीं बच्ची को चार टांके लगे तथा वहाँ 3 दिन के बाद छुट्टी कर दी गई, कहा गया कि आप प्राइवेट अस्पताल में दिखा लेना। कुछ दिन तक घर में दवा के कारण ठीक रही फिर दर्द चालू हुआ प्राइवेट अस्पताल ले जाने पर इलाज के लिए मना किया गया, फिर बच्ची 9 दिन तक सिविल हॉस्पिटल कुरूद में भर्ती रही, वहां स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने के कारण बच्ची को सिर्फ पैरासिटामाल दवाई दिया जा रहा था व सही ढंग से इलाज नहीं हो रहा था। जब दर्द कम नहीं हुआ तब उनको सोनोग्राफी करने कहा गया व जिला अस्पताल धमतरी में रेफर किया गया, वहा सोनोग्राफी करने के लिए पुलिस लाने को कहा गया। परिवार वाले 2 जगह प्राइवेट सेंटर में सोनोग्राफी के लिए गए तो वहां भी माना किया गया। जब सभी परिवार वाले बस में बैठकर कुरूद थाना आए तो डीएसपी ने इलाज कराने का भरोसा दिया। जब बच्ची को धमतरी ले जायाजा रहा था, तब उसकी मां की तबियत खराब हो गई और उसिविल अस्पताल करूद में भर्ती कराया गया।

इस तरह डाक्टरों ने इस घटना को 22 दिन हो गया थे पर सोनोग्राफी नही किया गया, इलाज के नाम पर सिर्फ 1 इंजेक्शन और पैरासिटमोल दवाई दिया गया। इस घटना में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ़ नजर आती है एवम सरकार की उदासीनता नजर आती है । उन्होंने कहा कि इस घटना में दो बातें साफ साफ नजर आती है एक तो लगातार बच्चियों महिलाओं पर अपराध तेजी से बढ़ता जा रहा है और सरकार की ओर से इन अपराधों को रोकना तो दूर की बात और इन अपराधों को बढ़ाने वाले कारणों / कारकों नशे शराब अश्लीलता पोर्नोग्राफी को बढ़ावा दिया जा रहा है।हमारा मानना है एक लोकतांत्रिक सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करे अतः हम सरकार से मांग करते है कि अतिशीघ्र नशे शराब पोर्नोग्राफी साइट्स अश्लीलता पर रोक लगाये व बलात्कारियों को सजा देने हेतु कठोर कानून बनाये । दूसरी बात सिविल व जिला अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, नर्सों की कमी, सोनोग्राफी मशीन व ऑपरेटर की कमी सी टी स्कैन एम आर आई मशीन की कमी। अगर गहराई से विचार किया जाये तो सरकारी अस्पतालों की स्थिति बहुत खराब है दूसरी ओर हर कोने में प्राइवेट मल्टीस्पेशलिटीहॉस्पिटल खोलने का परमिशन भी सरकार दे रही है।

सरकारी अस्पतालों में इलाज से आम आदमी कतराता है और घर खेत बेचकर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराता है।अतः उन्होंने मांग की है कि सभी सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सिविल अस्पताल, जिला अस्पतालो में सभी प्रकार के विशेषज्ञ डॉक्टरों की तत्काल व्यवस्था की जाये पर्याप्त नर्सों व स्टाफ की व्यवस्था की जाये सभी प्रकार की मशीन व ऑपरेशन की व्यवस्था की जाये और अधिक से अधिक सरकारी सर्वसुविधायुक्त अस्पताल खोला जाये एवम इलाज में लापरवाही बरतने अधिकारियों कर्मचारियों वाले पर कठोर कार्यवाही की जाये। हम सरकार से मांग करते है कि बच्ची के इलाज की पूरी व्यवस्था सरकार देखे व सारा खर्च सरकार उठाये। यह देश व राज्य की पहली घटना नहीं है इससे पहले भी लगातार ऐसी घटनाएं घटित हो रही है जिसमें अधिकतर मामले में अपराधी शराबी होते हैं आजादी आंदोलन में युवाओं में अत्याचार अन्याय के खिलाफ लड़ने का तेज हुआ करता था आज वही युवा नशे में धूत तरह-तरह के अपराधों को अंजाम दे रहे हैं।आज के इस प्रदर्शन में छात्र संगठन एआईडीएसओ के जिला अध्यक्ष डारेंद्र साहू, युवा संगठन के जिला प्रभारी जितेंद्र साहू, महिला संगठन की जिला प्रभारी माधवी साहू व गीता सारथी, भूपेश साहू, चंद्रभान, सोमिन साहू, चिंटू देवांगन, श्रुति विनय, भाविका, पंकज, लेमप्रकाश, तेजपाल, कौशल, रूपेश डेविड कुर्रे, गुमान, मोक्षदा, जगमोहन, अभिषेक, हिमांशु, धनेश्वरी, कविता, लोमश, चुरामन, नेमचन्द, सुरेंद्र, योगेंद्र, तामेश्वर, रविकांत, चंद्रहास, वीरेंद्र, गायत्री, प्रीतिलता, सहित छात्र संगठन के युवा शामिल रहे।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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