रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला लेवी घोटाले में निलंबित रानू साहू को एक बार फिर हाई कोर्ट से झटका लगा है। जेल में बंद रानू साहू ने स्वास्थ्य का हवाला देकर हाईकोर्ट से जमानत की गुहार लगाई, लेकिन जस्टिस एन.के. व्यास की एकलपीठ ने उनकी याचिका खारिज कर दी.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दो बड़े घोटाले कोयला लेवी और डीएमएफ में उनकी सीधी संलिप्तता पाई गई है और इसकी जांच भी की जा रही है. आपको बता दें कि कोयला लेवी घोटाले में करोड़ों की हेराफेरी के अलावा अधिकारियों और नौकरशाहों से सांठगांठ के आरोपों के चलते रानू साह की याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी.
डीएमएफ घोटाले में माया वारियर से जुड़े तार : डीएमएफ घोटाले में महिला एवं बाल विकास विभाग की अधिकारी माया वारियर का नाम भी सामने आया है, जिसका सीधा संबंध रानू साहू से देखा जा रहा है। माया वारियर को ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. जब रानू साहू के यहां छापेमारी हुई तो माया के भिलाई स्थित ठिकानों पर भी छापेमारी हुई और कई दस्तावेज जब्त किये गये. चर्चा है कि रानू साहू कोरबा कलेक्टर होते हुए भी अपने प्रभाव से माया योद्धा की जगह लेती हैं। डीएमएफ फंड के कामकाज में महिला एवं बाल विकास विभाग को एजेंसी बनाने की प्रक्रिया में दोनों के बीच मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं.
आपको बता दे, कांग्रेस शासनकाल में आईएएस रानू साहू प्रभावशाली अधिकारी मानी जाती थीं। कृषि विभाग में निदेशक पद पर रहते हुए वह अपनी कार्यशैली के कारण विवादों में भी रहीं। तत्कालीन मंत्री जसिंग अग्रवाल से विवाद के बाद उनकी शिकायत हुई थी.