जशपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के आस्था का केंद्र तमता केशलापाठ पहाड़ को पर्यटन स्थल में शामिल करने की मांग उठने लगी है. महाभारत काल का पौराणिक महत्व और बुढ़ादेव की याद में यहां आस्था का तीन दिवसीय मेला का आयोजन किया गया है.
यहां पहुंच कर युवक-युवतियां अपने विवाह की मनौती मांगते हैं. छत्तीसगढ़ में अपने ढंग का ये अनोखा मेला माना जाता हैं. विवाह की मनौती पूरी होने पर भक्त बुढ़ादेव के पास फिर से पहुंच कर धन्यवाद देना नहीं भूलते. यहां जशपुर, सरगुजा और रायगढ़ जिले के साथ ही बिहार, झारखंड, ओड़िसा, एमपी और बंगाल से भी श्रद्धालुओं की भीड़ आती हैं.
365 सीढ़ियों की चढ़ाई :
जशपुर में जंगल की गोद में बसा तमता केशलापाठ पहाड़ की ऊंचाई लगभग 400 फीट है और यहां 365 सीढ़ियां बनाई गई हैं. इस जगह की खासियत यह है कि यहां प्रतिदिन बैगा जनजाति के लोग नारियल फोड़कर प्रसाद बांटते हैं और भक्तों का आना-जाना दिनभर लगा रहता है. जशपुर जिले के लोगों के लिए यह मेला एक बड़ा त्योहार माना जाता है. हर साल जनवरी महीने की पौष पूर्णिमा के दूसरे दिन से इस मेले का आयोजन होता है. मेला न केवल क्षेत्रीय लोगों, बल्कि अन्य राज्यों से भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है.
महाभारत के साथ इतिहास :
तमता केसलापाठ पहाड़ के तार महाभारत काल से जुड़े हुए हैं. मान्यता के मुताबिक पाण्डवों ने अपने वनवास काल का कुछ समय यहां बिताया था. केसला पहाड़ पर बकासुर राक्षस ने अपना ठिकाना बना रखा था. यहां के पास के गांव वाले मिलकर प्रतिमाह राक्षस को चार गाड़ी भर खाना, मदिरा और मवेशी भेजते थे. साथ ही, बारी बारी से गांव के प्रत्येक परिवार से एक सदस्य को भी उसका आहार बनने के लिए भेजा जाता था. एक दिन माता कुंती रानी ने अपने पुत्र भीम को वहां भेजने का प्रस्ताव रखा. भीम ने केसलापाठ पहाड़ पर बकासुर के साथ घमासान युद्ध किया और बकासुर का अंत कर दिया. बकासुर के वध होने के खुशी में प्रत्येक वर्ष इस मेले का आयोजन किया जाता है.
गांव देवता के रूप में होती है पूजा :
तमता के उपसरपंच विशाल अग्रवाल ने बताया कि यहां के रहने वाले सभी लोग इस केसला पाठ पहाड़ को गांव देवता के नाम से मानते है. भक्त अपनी जो भी मनोकामना लेकर आते हैं, उनकी मनोकामना निश्चित ही पूरी होती है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से इस देवस्थल को छत्तीसगढ़ पर्यटन स्थल में शामिल करने की मांग की है. सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सह पत्थलगांव विधायक गोमती साय ने कहा है कि क्षेत्र में धार्मिक और पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सरकार में तमता केशलापाठ पहाड़ का पर्यटन की क्षेत्र में विकास निश्चित है.