रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार की मार अभी भी कई विभागों को झेलना पड़ रहा है। अबतक कांग्रेस की भ्रष्टाचार की आग में कई विभाग झुलसे हुए है। ऐसे ही क्रेडा विभाग भी कांग्रेस कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार में लिप्त होकर बहुत से टेंडर जारी किये थे जिसे विष्णुदेव साय के नेतृत्व में वर्तमान क्रेडा CEO द्वारा साफ़ किया जा रहा है, जिससे विभाग में जुड़े हुए कांग्रेसी अधिकारियों को अब तकलीफ हो रही है।
ऐसा ही एक मामला पाटन से सामने आया है, जहां कांग्रेस कार्यकाल के समय में करोड़ों रुपए के नियम विरुद्ध कार्य किये गए थे। इसमें एक अधिकारी का नाम भी सामने आ रहा है जो की सहायक अभियंता है जो प्रभारी कार्यपालन अभियंता दुर्ग में तैनात है। सहायक अभियंता/प्रभारी कार्यपालन अभियंता दुर्ग भानुप्रताप ने कांग्रेस कार्यकाल के समय में पाटन क्षेत्र में करोड़ों रुपए के नियम विरुद्ध कार्य किये थे, जिसका कच्चा चिट्ठा सामने आने पर वर्तमान क्रेडा CEO सख्त हो चुके है। साथ ही सहायक अभियंता/प्रभारी कार्यपालन अभियंता दुर्ग भानुप्रताप पर निलंबन की गाज भी गिर सकती है। इन सब मामलों की कार्यवाही से बचने के लिए अब उक्त अधिकारी द्वारा भाजपा नेताओ के बंगले का चक्कर लगाया जा रहा है। बता दें, सहायक अभियंता भानुप्रताप को कांग्रेस नेताओं का करीबी माना जाता है।
जाने पूरा मामला :
दरअसल, सहायक अभियंता/प्रभारी कार्यपालन अभियंता दुर्ग भानुप्रताप और कुछ अधिकारियों द्वारा कांग्रेस कार्यकाल में पाटन क्षेत्र में करोड़ों रुपए के नियम विरुद्ध कार्य किये गए। भानुप्रताप द्वारा क्रेडा के प्रधान कार्यालय रायपुर को गुमराह करते हुए इन्ही कम प्रशासकीय स्वीकृतियों के अनुसार ही नवीन दरों पर संबंधित इकाईयों को कार्यादेश जारी करा दिये गये एवं इसके उपरान्त भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से इन कार्यों के लिए प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृतियों में संशोधन नही कराया गया और लगभग दो वर्षों तक इसकी जानकारी से उच्च कार्यालय को अवगत भी नही कराया गया, जिससे योजना अंतर्गत कार्यों के संपादन में लगभग 32 करोड़ की राशि क्रेडा को कम प्राप्त हुई। फलस्वरूप योजना में कार्य कर चुकी इकाईयों के लगभग 32 करोड़ भुगतान राशि के अभााव में अब तक नही हो पाया है। इस प्रकरण पर भानुप्रताप को प्रधान कार्यालय को संज्ञान में लिए बिना लापरवाहीपूर्वक अनुबंध निष्पादित करने पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए प्रकरण में प्रशासकीय स्वीकृति की दरों कोे नवीन निविदा की दरों के अनुसार संशोधन करवाया जाकर 03 दिवस में इस कार्यालय को अवगत कराए जाने हेतु दिनांक 17.12.2024 एवं दिनांक 16.01.2025 को निर्देशित किया गया था। इन स्पष्टीकरण पत्रों में भानुप्रताप को सचेत किया गया था कि नई दरों पर प्रशासकीय स्वीकृति नही उपलब्ध कराए जाने की दशा में रु. 32.00 करोड़ की वित्तीय अनियमितता के संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए भानुप्रताप को निलंबन की कार्यवाही की जायेगी। किन्तु भानुप्रताप द्वारा पूर्व शासन की अपनी राजनीतिक पहुंच का रौब दिखाते हुए किसी प्रकार की अनुकूल कार्यवाही प्रकरण पर नही की गई।
इसके अलावा भूपेश बघेल के कार्यकाल में ऊर्जा पार्क पाटन में प्रभारी कार्यपालन अभियंता दुर्ग भानुप्रताप द्वारा नियम विरुद्ध कई कार्य किये गए है, जिसकी भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। सूत्रों ने यह तक कहा की इस मामले में जांच हुई तो कई अधिकारी लपेटे में आ सकते है।
आपको बता दें के कांग्रेस सरकार में उक्त अधिकारी (भानुप्रताप) के रूबाब का आलम यह था कि इनके एकपक्षीय कांग्रेस हित में कार्य करने के चलते इन्हें सहायक अभियंता होते हुए भी पहले प्रभारी कार्यपालन अभियंता और फिर प्रभारी अधीक्षण अभियंता तक नियुक्त कर दिया गया। जबकि नियमों की मानें तो किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को उसके मूल पद से एक पद ऊपर तक का ही प्रभार दिया जा सकता है। लेकिन भूपेश शासन में कांग्रेस की गोद में खेलने वाले इस अधिकारी के लिए नियमों को ताक पर रखकर ईन्हे दो पद उपर का प्रभार दिया गया।
इसके बाद प्रभारी कार्यपालन अभियंता दुर्ग भानुप्रताप और कुछ अधिकारियों ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर शासन के नियमों के विरुद्ध पदोन्नति का प्रयास किया। इस मामले में क्रेडा द्वारा दस्तावेजों का परिक्षण किया गया, जिसमे पाया गया कि दस्तावेज पूरी तरह कूटरचित और गलत है। इसके बाद क्रेडा ने मामले की प्रक्रिया को विचाराधीन किया। जिसके बाद मानों जैसे की अधिकारी के सीने में आग सी लग गई, जिसके बाद उक्त अधिकारी द्वारा भ्रामक खबर भी फैलाई गई, जिसका खंडन स्वयं क्रेडा के अधिकारियों ने किया था।
मिली जानकारी के मुताबिक, सहायक अभियंता भानुप्रताप द्वारा पदोन्नति से संबंधित कई याचिका न्यायालय में लंबित होने के कारण एवं पूर्व की हुई पदोन्नतियों में कुछ विशेष व्यक्तियों को लाभ पहुँचाने के उददेश्य से नियमों में एवं पदोन्नति दस्तावेजों में छेड़-छाड़कर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर शासन के नियमों के उलट समस्त वरिष्ठ अधिकारी/कर्मचारियों को दरकिनार करते हुए पदोन्नति का प्रयास किया जा रहा था। इस पर क्रेडा में कार्यरत् अन्य अधिकारियों द्वारा शिकायत करने पर (संलग्न छायाप्रति) क्रेडा द्वारा दस्तावेजों का परीक्षण किया गया एवं पूरी प्रक्रिया को कूट रचित एवं गलत पाते हुए प्रक्रिया को विचाराधीन कर दिया गया।
इनके द्वारा नियम विरुद्ध DPC की कार्यवाही करने का दबाव बनाया जा रहा है, साथ ही अपने बचाव में कार्यवाही रोकने दिग्गज नेताओं का रौब दिखाते हुए भाजपा नेताओं के बंगले का चक्कर भी लगाया जा रहा है। शायद भूपेश कार्यकाल में यह संभव था, लेकिन भाजपा कार्यकाल में विष्णुदेव के सुशासन में इनकी दाल नहीं गल रही है, जिसके चलते ये क्रेडा का नाम उछालने में लगे हुए है। बता दें, वर्तमान क्रेडा CEO इन जैसे अधिकारी/कर्मचारियों पर सख्ती से कार्यवाही करते है जो नियम विरुद्ध कार्यों में संलिप्त होते है, शायद यही कारण है कि ऐसे अधिकारी/कर्मचारी बार बार उनपर ऊँगली उठाते है। ऐसे अधिकारी /कर्मचारियों पर अब निलंबन की गाज गिरने वाली है, साथ ही अन्य अधिकारी/कर्मचारियों को वर्तमान क्रेडा CEO द्वारा नियमानुसार कार्य करने की सख्त हिदयात दी गई है।