बस्तर। कुणाल सिंह ठाकुर। बस्तर की एकमात्र इंद्रावती नदी में भीषण जल संकट छाया हुआ है, जिसे बचाने के लिए अब बस्तर वासी भी सामने आ गए हैं. जिसके लिए किसानों ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद छत्तीसगढ़ और ओडिशा बॉडर पर बने जोरा नाला से कुछ पानी को छोड़ा गया, और जोरा नाला का बहाव बस्तर की ओर आने के बाद अब राजनीति भी शुरु हो गई है.

ओडिशा की विपक्षी पार्टी कर रही विरोध :
ओडिशा की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजू दल के नेताओ और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया और कहा कि दोनों सरकारें अपनी मनमानी कर रहे हैं. इधर जोरा नाला का पानी बस्तर की ओर जाने से ओडिशा में भी जल संकट गहराने लगा है, और अब बस्तर को।पानी नही देने की बात कही है. वहीं विरोध करने पहुंचे ओडिशा के मुख्य विपक्षी पार्टी ने हंगामा कर बॉडर पर रेत से भरी बोरियों को हटाकर कर दोनों सरकारों के खिलाफ नारेबाजी की है. और अब बस्तर के हक का मिलने वाला पानी को रोक दिया है. ऐसे में अब बस्तरवासी ने काफी नाराजगी जाहिर की है और कहा कि पानी को लेकर राजनीति करने वालों को सद्बुद्धि दें. बस्तर के हक छिनने वालो को बस्तर वासी कभी माफ नही करेंगे.

जल बंटवारे को लेकर बस्तर में भी राजनीति गरमाई :
इधर जोरा नाला में विरोध करने पहुंचे बीजू दल के नेता व पूर्व मंत्री ने दोनों सरकारों पर आरोप लगाया है और कहा कि ओडिशा को भी उसके हक का पानी मिलना चाहिए. वहीं जल बंटवारे को लेकर अब बस्तर में राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस के पूर्व जगदलपुर विधायक ने बीजू दल के विरोध पर निंदा की है और कहा कि अगर दोनो सरकारे अगर जोरा नाला में जल बंटवारे पर कोई ठोस पहल नही करती हैं तो कांग्रेस बस्तर वासियों के साथ उग्र आंदोलन करने में बाध्य हो जाएगी.

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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