रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ में 18 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे करीब साढ़े 10 हजार पंचायत सचिवों को सरकार ने चेतावनी दी है कि 24 घंटे के भीतर हड़ताल खत्म कर काम पर पर लौटो। इस निर्देश की अवहेलना पर कार्रवाई करने की बात कही गई है। दूसरी ओर पंचायत सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि हड़ताल जारी रहेगी। यही नहीं, संघ ने ये भी कहा है कि 21 अप्रैल से पंचायत सचिव अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली जाकर जंतर मंतर पर धरना देंगे।

अधिकारियों को किया पत्र जारी:
पंचायत सचिवों की हड़ताल के संबंध में संचालक पंचायत ने राज्य के सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि सचिवों की अनिश्चित कालीन हड़ताल से प्रदेश की ग्राम पंचायतों का कार्य प्रभावित हो रहा है। हड़ताल की वजह से ग्राम पंचायतों द्वारा दी जाने वाली अनिवार्य सेवाओं तथा हितग्राहीमूलक शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा हो रही है। इसलिए ग्राम पंचायतों के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या कार्यवाही करना है, ये भी पत्र में साफ किया गया है।

काम पर लौटने की चेतावनी:
जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से यह आदेश प्रसारित करने कहा गया है कि हड़ताली पंचायत सचिव 24 घंटे में हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटे। निर्देश की अवहेलना करने पर प्रावधान के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। इसी क्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से ये भी कहा गया है कि जिले में काम कर रहे सहायक, आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी, कर्मचारियों को अस्थायी रूप से ग्राम पंचायत सचिव का प्रभार सौंपा जाए। इसके साथ ही ग्राम पंचायत निधि से राशि आहरण सरपंच तथा नियुक्त किए जाने वाले सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाए।

दिल्ली में करेंगे प्रदर्शन:
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद सिंह पैकरा ने हरिभूमि से चर्चा में कहा है कि हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने ये भी कहा है कि पंचायत सचिव के बदले जिन रोजगार सहायकों को प्रभार देने की बात कही जा रही है, वे वित्तीय कार्य के लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें सचिव घोषित नहीं किया जा सकता है। श्री पैकरा ने कहा कि संघ की मैनपाट में हुई प्रदेश स्तरीय बैठक में तय किया गया है संघ के सदस्य 20 तारीख को दिल्ली जाएंगे, वहां 21 अप्रैल से धरना प्रदर्शन किया जाएगा। हड़ताली पंचायत सचिवों की एक सूत्रीय मांग है कि उनका शासकीयकरण किया जाए। भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023 में मोदी की गारंटी के रूप में शासकीयकरण का वादा किया था। श्री पैकरा ने कहा है कि सरकार मोदी की गारंटी का वादा पूरा करे।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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