नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी अब पार्टी अध्यक्ष की रेस में हैं। दिग्विजय सिंह आज दिल्ली पहुंच रहे हैं और यहां पर वो पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इससे पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर राजस्थान सीएम अशोक गहलोत भी कांग्रेस अध्यक्ष बनने की रेस में हैं। शशि थरूर ने तो मधुसूदन मिस्त्री से मिलकर चुनाव प्रक्रिया के बारे में बातचीत भी की थी। इस तरह कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए आज अधिसूचना जारी होगी। एक दिन पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के चुनावी समर में उतरने का स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। अब 22 साल बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी का प्रमुख चुनाव के जरिए चुना जाएगा। राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने चुनाव में हिस्सा लेने से मना कर दिया था, जिसके बाद चुनाव के संकेत बढ़ गए हैं।
शशि थरूर लड़ेंगे चुनाव :
गहलोत ने दो टूक कहा था कि वह पार्टी का फैसला मानेंगे, लेकिन उससे पहले राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने के लिए मनाने का एक आखिरी प्रयास करेंगे। दूसरी तरफ पहले से ही चुनाव लड़ने का संकेत दे रहे लोकसभा सदस्य थरूर ने कांग्रेस के मुख्यालय में पहुंचकर पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री से मुलाकात की और नामांकन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल की। वैसे, कुछ अन्य नेताओं के भी चुनावी मैदान में उतरने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।
गहलोत ने सोनिया गांधी से की मुलाकात :
गहलोत ने दिल्ली में यह संकेत भी दिया कि वह अध्यक्ष और मुख्यमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं, हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि अध्यक्ष बनने की स्थिति में अगर उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ता है तो उनकी जगह किसे यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। माना जा रहा है कि ऐसी स्थिति में गहलोत चाहेंगे कि उनका कोई करीबी मुख्यमंत्री बने, हालांकि सचिन पायलट के करीबी नेताओं का कहना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह जिम्मेदारी पायलट को सौंपी जानी चाहिए।
जिम्मेदारी आई तो निभाऊंगा- गहलोत :
गहलोत बुधवार शाम चार बजे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले, करीब दो घंटे की मुलाकात के बाद गहलोत ने कुछ नहीं कहा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा की और कहा कि वह राहुल गांधी को मनाने का एक बार फिर प्रयास करेंगे। गहलोत ने कहा था कि मुझे पार्टी ने सब कुछ दिया है, आलाकमान ने सब कुछ दिया है। पिछले 40-50 साल से मैं पदों पर ही हूं, मेरे लिए अब कोई पद महत्वपूर्ण नहीं है। मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि जो जिम्मेदारी मिलेगी मुझे या जो जिम्मेदारी मुझे लेनी चाहिए, वो मैं निभाऊंगा। उनका यह भी कहना था कि मुझ पर गांधी परिवार का विश्वास तो है ही है, जितने भी कांग्रेसजन हैं, उन सबके परिवारों का विश्वास मेरे ऊपर है…अगर वे मुझे कहेंगे कि नामांकन करना है, तो मैं भरूंगा। हमारे जो मित्र लोग हैं, उनसे बात करेंगे।
मुझे अब और पद की चाह नहीं- गहलोत :
उन्होंने कहा, ‘आज मैं मुख्यमंत्री हूं, वो जिम्मेदारी मैं निभा रहा हूं। मुझे कांग्रेस की सेवा करनी है। जहां मेरा उपयोग है, राजस्थान में है, या दिल्ली में है, जहां भी होगा मैं तैयार रहूंगा क्योंकि पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है। अब मेरे लिए पद बहुत बड़ी बात नहीं है। एक सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा, अगर मेरा बस चले तो मैं किसी भी पद पर नहीं रहूं। मैं राहुल गांधी के साथ सड़क पर उतरूं और फासीवादी लोगों के खिलाफ मोर्चा खोलूं।
राहुल गांधी अध्यक्ष बनें तो अच्छा- अशोक गहलोत :
गहलोत का यह भी कहना था कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में भारत जोड़ो यात्रा करेंगे तो पार्टी के लिए एक अलग माहौल बनेगा। यह पूछे जाने पर कि अध्यक्ष बन जाने की स्थिति में क्या वह मुख्यमंत्री भी बने रहेंगे तो उन्होंने कहा, यह प्रस्ताव हमने पारित किया है, जहां नामित होते हैं वहां 2 पद होते हैं..यह चुनाव तो सबके लिए है। इसमें कोई भी खड़ा हो सकता है…चाहे वो सांसद है, विधायक है, मंत्री है, मुख्यमंत्री है। कल किसी राज्य का मंत्री कहेगा कि मैं खड़ा होना चाहता हूं, तो वह हो सकता है। वह मंत्री भी रह सकता है और कांग्रेस अध्यक्ष भी बन सकता है।