नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज गुरुवार सुबह ही 10 राज्यों में कई जगहों पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर छापेमारी की है। साथ ही उत्तर-प्रदेश और बिहार के साथ-साथ कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, असम और दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों में 40 ऐसी लोकेशंस हैं जहां NIA और ED ने साथ मिलकर छापेमारी की है। छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ है कि कराटे की ट्रेनिंग की आड़ में लोगों को आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही थी। NIA की ओर से दर्ज PFI मामले में बड़ा खुलासा हुआ है कि निजामाबाद से गिरफ्तार कराटे टीचर अब्दुल कादर के कबूलनामें के बाद ही जांच एजेंसियों की ओर बड़ी कार्रवाई की गई है। दावा है कि कराटे की आड़ में आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही थी। ट्रेनिंग में नान-चॉक, चाकू, लोहे की रॉड और दरांती के जरिए मौत के घाट उतारने तक की ट्रेनिंग दी जाती थी।

छत पर ही दी जाती थी ट्रेनिंग :
PFI के नेताओं की ओर से सलाह दिए जाने के बाद ही अब्दुल खादर उर्फ अब्दुल कादर ने अपने घर की छत पर ही ट्रेनिंग सेंटर तैयार किया था। इस ट्रेनिंग सेंटर में अलग-अलग बैच में 5 दिन की आतंकी ट्रेनिंग दी जाती थी। बदले में इसके लिए PFI हर महीने अब्दुल कादर को मोटी रकम देता था। इस ट्रेनिंग सेंटर में हथियारों की ट्रेनिंग देने के अलावा हेट स्पीच के जरिए नौजवानों का ब्रेनवाश भी किया जाता था। साथ ही उन्हें एक विशेष धर्म के प्रति भड़काया भी जाता था। खास बात यह है कि इस ट्रेनिंग कैंप में सिर्फ विशेष समुदाय के नौजवानों को ही ट्रेनिंग दी जाती थी।

चंदे के तौर पर हर महीने मोटी रकम :
पूछताछ में अब्दुल कादर ने यह भी बताया कि चंदे के तौर पर लोगों से हर महीने कैश में मोटी रकम एकत्र की जाती थी। अब्दुल कादर की निशानदेही पर ही PFI के 4 अन्य नेताओं की गिरफ्तारी की गई थी। इस बीच एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय ने आज गुरुवार सुबह 10 राज्यों में आतंकी वित्त पोषण में कथित तौर पर शामिल संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान एनआईए और ईडी ने आतंकियों का कथित तौर पर समर्थन करने के आरोप में पीएफआई के करीब 100 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। अधिकारियों के मुताबिक, छापेमारी मुख्यत: दक्षिण भारत में की जा रही है और एनआईए ने इसे अब तक का सबसे बड़ा जांच अभियान करार दिया है। पीएफआई ने छापेमारी को लेकर बयान जारी कर कहा, “पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय नेताओं के घरों पर छापेमारी की जा रही है। राज्य समिति कार्यालय पर भी छापे मारे जा रहे हैं।” पीएफआई ने यह भी कहा, “हम विरोध की आवाज को दबाने के लिए फासीवादी शासन द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किए जाने का कड़ा विरोध करते हैं।”

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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