डोंगरगढ़। कुणाल सिंह ठाकुर। मंगलवार 6 मई की सुबह छत्तीसगए़ के डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन पर एक असाधारण नज़ारा देखने को मिला। अचानक रेलवे सुरक्षा बल (RPF), जीआरपी और डॉग स्क्वॉड की सक्रियता ने आम यात्रियों और स्थानीय नागरिकों को चौंका दिया। पूरे स्टेशन को सेनेटाइज किया गया, चारों प्लेटफॉर्मों पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई और बारीकी से तलाशी अभियान चलाया गया।

स्थानीय लोगों में उस वक्त और ज्यादा उत्सुकता बढ़ गई जब बख्तरबंद सैन्य वाहनों, भारी गोला-बारूद और अन्य सैन्य सामग्री से लदी एक विशेष ट्रेन स्टेशन पर पहुँची। यह ट्रेन रायपुर से नागपुर की ओर जा रही थी, जिसे डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 2 के बीच की लाइन पर रोका गया। सेना के जवानों और अधिकारियों से घिरी इस ट्रेन के आस-पास आम लोगों को फटकने तक नहीं दिया गया। पूरे क्षेत्र को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया। करीब एक घंटे तक यह सैन्य ट्रेन स्टेशन पर खड़ी रही। इस दौरान सुरक्षा बलों की सतर्कता चरम पर थी। डॉग स्क्वाड ट्रेन और उसके आस-पास के इलाकों की बारीकी से जांच करती रही।

सुरक्षा कारणों से नहीं दी गई कोई आधिकारिक जानकारी :
सेना की ओर से इस मूवमेंट के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई, लेकिन ट्रेन में मौजूद अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि, सुरक्षा कारणों से कोई जानकारी नहीं दी जा सकती। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। डोंगरगढ़ में हुई यह सैन्य हलचल उसी तैयारी का एक संकेत माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि, यह मूवमेंट या तो उत्तर दिशा की ओर सैन्य सशक्तिकरण के तहत है या फिर यह एक विशेष रणनीतिक रिलोकेशन का हिस्सा हो सकता है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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