रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। मई की तपती गर्मी के बीच छत्तीसगढ़ में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण राज्य के कई हिस्सों में आंधी-तूफान और भारी बारिश की स्थिति बन गई है। मौसम विभाग ने राज्य के उत्तर और दक्षिण हिस्सों के 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, जबकि मध्य भाग के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट आगामी तीन दिनों तक प्रभावी रहेगा।

मौसम विभाग के मुताबिक बारिश के चलते प्रदेश के औसत तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आ सकती है। इसके साथ ही 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गतिविधियां पूर्व मॉनसून की हलचलें हैं, जो यदि जारी रहीं, तो मॉनसून की समय से पहले दस्तक का संकेत हो सकती हैं।

मौसम विभाग ने 22 मई को 22 जिलों और 23 मई को 25 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। बीते 36 घंटों के दौरान मरवाही और भैरमगढ़ में 30 मिमी, कापू में 20 मिमी और सिमगा में 10 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।

हल्की से मध्यम बारिश की संभावना:
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरबा, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम, जशपुर, दुर्ग, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा।

कई स्थानों पर बारिश की संभावना:
सूरजपुर, बलरामपुर, रायगढ़, सारंगढ़, बलौदा-बाजार, बेमेतरा, रायपुर, खैरागढ़, राजनांदगांव, बालोद, कोंडागांव, बस्तर, सुकमा, बीजापुर, मोहला-मानपुर और महासमुंद।

गरज-चमक और ओलावृष्टि का भी खतरा:
राज्य के कुछ हिस्सों में गरज-चमक और ओलावृष्टि की संभावना भी जताई गई है। बिजली गिरने की घटनाओं को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

मौसम विभाग की चेतावनी और सुझाव:
गरज की आवाज सुनते ही सुरक्षित स्थान पर शरण लें।
पेड़ों के नीचे और बिजली के खंभों से दूर रहें।
मोबाइल, लैपटॉप, टेलीविज़न जैसे उपकरणों का इस्तेमाल न करें।
वाहन में हैं तो खिड़कियां बंद रखें और धातु से दूरी बनाए रखें।
खुले मैदान में हों तो ज़मीन पर लेटने के बजाय उकड़ू बैठ जाएं।

हर साल मई में दिखता है यह पैटर्न:
छत्तीसगढ़ में मई के महीने में ऐसी मौसमी गतिविधियां कोई नई बात नहीं हैं। हर वर्ष बंगाल की खाड़ी में बनने वाले सिस्टम के कारण इस समय बारिश और तूफान के एक-दो स्पैल देखने को मिलते हैं। वर्ष 2021 में रायपुर में मई के महीने में रिकॉर्ड 93.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।

फसलों और जनजीवन पर असर:
इस लगातार हो रही बारिश और तेज हवाओं से खेतों में खड़ी फसलें प्रभावित हो सकती हैं। साथ ही बिजली गिरने और तेज तूफान के कारण जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हो सकता है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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