रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। यह खबर ज़मीन की खरीद-बिक्री से जुड़े लोगों और आम जनता के लिए राहत भरी है।
विवाद क्या था?
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में ज़मीन की कलेक्टर गाइडलाइन दरों में भारी वृद्धि कर दी थी (कुछ क्षेत्रों में 100% से 800% तक)।इससे आम आदमी के लिए ज़मीन/फ्लैट/दुकान की रजिस्ट्री कराना बहुत महंगा हो गया था, क्योंकि रजिस्ट्रेशन शुल्क (4%) बढ़ी हुई दरों पर लिया जा रहा था।राज्य भर में जनता, प्रॉपर्टी कारोबारी और विपक्ष (यहां तक कि सत्ता पक्ष के नेताओं) ने भी इस पर कड़ा विरोध जताया था।
सरकार का फैसला:जनता के विरोध और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आश्वासन के बाद, केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने दरों की समीक्षा की और नई संशोधित गाइडलाइन जारी की।मुख्य बदलाव:शहरों में 1400 वर्ग मीटर तक की ज़मीन पर ‘इंक्रीमेंटल गणना’ (Incremental Calculation) का प्रावधान खत्म कर दिया गया है।नगर पालिका और नगर पंचायतों में पुराने प्रावधानों को लागू किया जाएगा।इन संशोधनों से बहुमंजिला फ्लैटों और दुकानों की रजिस्ट्री दरों में जनता को बड़ी राहत मिलेगी।
राहत का संकेत: सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह जनहित में फैसलों पर पुनर्विचार करने को तैयार है, जिससे आम जनता पर पड़ने वाला वित्तीय बोझ कम होगा।
