मुंगेली, कुणाल सिंह ठाकुर। कलेक्टर कुन्दन कुमार ने आज लोरमी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने आपातकालीन कक्ष का अवलोकन किया तथा उपचार के लिए आए मरीजों से सीधे संवाद कर दी जा रही सुविधाओं, उपचार व्यवस्था एवं स्टाफ की कार्यप्रणाली की जानकारी ली। कलेक्टर ने अस्पताल में रेफरल प्रकरणों, मरीजों की संख्या तथा सेवाओं की गुणवत्ता की समीक्षा करते हुए साफ-सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया और तत्काल सुधार के निर्देश दिए। इस दौरान पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पाण्डेय सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में गंदगी पाए जाने पर कलेक्टर ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने मेडिकल ऑफिसर डॉ. जितेंद्र पैकरा को नोटिस जारी करने के निर्देश देते हुए स्पष्ट चेतावनी दी कि भविष्य में यदि दोबारा गंदगी पाई गई तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने मरीजों से संबंधित संधारित विभिन्न पंजीयों का भी अवलोकन किया और उनमें अद्यतन प्रविष्टियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सिजेरियन प्रसव से संबंधित व्यवस्थाओं की जानकारी लेते हुए अस्पताल में पाई गई कमियों को तत्काल दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने जच्चा-बच्चा कक्ष, लेबर रूम तथा एनबीएसयू (नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाई) का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि एनबीएसयू एवं एसएनएसयू में भर्ती बच्चों को अनावश्यक रूप से रेफर न किया जाए और यथासंभव उपचार सीएचसी स्तर पर ही उपलब्ध कराया जाए। एनआरसी में कुपोषित एवं गंभीर कुपोषित बच्चों का हो पंजीयन

कलेक्टर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) का निरीक्षण किया। उन्होंने कुपोषित एवं गंभीर कुपोषित बच्चों को ही एनआरसी में पंजीयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने एनआरसी में भर्ती बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण एवं पौष्टिक भोजन, स्वच्छता तथा अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों का वजन भी कराया और मेनू चार्ट के अनुसार नियमित भोजन उपलब्ध कराने पर जोर दिया।

निरीक्षण के दौरान बच्चों का गलत वजन लिए जाने एवं एनआरसी में गलत पंजीयन पाए जाने पर कलेक्टर ने बीएमओ को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि केवल वास्तविक गंभीर कुपोषित बच्चों को ही एनआरसी में भर्ती किया जाए। इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर ने दो टूक कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। जिन बच्चों को एनआरसी की आवश्यकता है, उन्हें अनिवार्य रूप से इस सुविधा का लाभ मिलना चाहिए।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही सामने आने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान संधारित पंजीयों के अवलोकन में बच्चों की संख्या कम पाए जाने एवं कार्यप्रणाली में लापरवाही पर उन्होंने बीपीएम शैलेन्द्र को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होने एनआरसी में गलत प्रविष्टी पर इसकी जांच कराने तथा बीएमओ, बीपीएम एवं सीडीपीओ को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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