नई दिल्ली/रायपुर। डेस्क। 19 अक्टूबर को कांग्रेस को 24 साल बाद गैर-गांधी अध्यक्ष मिल जाएगा। इसके बावजूद पार्टी में गांधी परिवार का प्रभाव बरकरार रहने वाला है। पार्टी के शीर्ष नेताओं के बयान से ये स्पष्ट हो गया है। हालांकि ये लगातार दावा किया जा रहा है कि नया अध्यक्ष रिमोट कंट्रोल नहीं होगा। इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि गांधी परिवार का प्रभाव बना रहेगा। अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर भी गांधी परिवार के महत्व की बात कर चुके हैं। आज कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग हो गई है, कुल 96 फीसदी मतदान हुआ है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंरबम ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव गांधी परिवार की आवाज को कम नहीं करेगा। 17 अक्टूबर को नए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए वोटिंग हुई है। चिदंबरम ने कहा है कि कोई नहीं कह रहा है कि गांधी परिवार की आवाज कम हो जाएगी। नए अध्यक्ष को कांग्रेस कार्य समिति (CWC), संसदीय बोर्ड और पार्टी मंचों में उनके विचारों को सुनना चाहिए।

नया अध्यक्ष रिमोट कंट्रोल नहीं होगा : चिदंबरम
हालांकि उन्होंने उस बात को खारिज कर दिया कि नया अध्यक्ष रिमोट कंट्रोल की तरह होगा। चिदंबरम ने कहा कि गांधी परिवार द्वारा रिमोट कंट्रोल करने का आरोप एक धारणा है। आपको लगता है कि चुनाव के माध्यम से जिला स्तर के नेताओं के द्वारा चुने जाने के बाद गांधी परिवार नए अध्यक्ष पर हुक्म चलाने में सक्षम होगा? मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नए कांग्रेस अध्यक्ष का पहला काम संगठन को ठीक करना, चुनाव कराना और टीम बनाना होगा।

नेतृ्त्व के विजन को आगे बढ़ाएगा अध्यक्ष : खुर्शीद
इससे पहले वोट डालने के बाद सलमान खुर्शीद ने कहा कि पार्टी नेतृत्व रहेगा। पार्टी का नया अध्यक्ष तय करेगा कि नेतृत्व के विजन को कैसे आगे बढ़ाया जाए और कैसे लागू किया जाए। इसके अलावा वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने कहा कि कार्यकर्ताओं का झुकाव आगे भी गांधी परिवार के साथ रहेगा क्योंकि आप उनको नजरअंदाज नहीं कर सकते। आप भूल गए, (सोनिया गांधी का) रामविलास पासवान के घर जाना, लालू प्रसाद जी के घर जाना, किस तरह यूपीए का गठन हुआ था…आप लोग जो (पार्टी से परिवार को) अलग करने की कोशिश कर रहे हैं इसमें सफल नहीं होंगे। मुझे उम्मीद है कि सोनिया गांधी मार्गदर्शक या किसी अन्य भूमिका में पार्टी के लिए काम करती रहेंगी।

इंदिरा-राजीव के बलिदान को कोई नहीं भूल सकता : सोनी
सोनी ने कहा कि गांधी परिवार का बहुत पुराना इतिहास रहा है। उनका बहुत त्याग और बलिदान रहा है। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बलिदान को काई भूल नहीं सकता। देश के लिए उन्होंने बहुत योगदान दिया है। गांधी परिवार महत्वपूर्ण भूमिका निभाना जारी रखेगा। सोनिया गांधी अध्यक्ष पद से विदा होने वाली हैं। वह हमारी नेता रहीं हैं और आगे भी रहेंगी। हम उनकी प्रेरणा और मागर्दशन के लिए उनकी ओर देखते रहेंगे। राहुल गांधी ने कांग्रेस नेतृत्व किया है। उनका मार्गदर्शन भी हमारे लिए बहुमूल्य होगा।

थरूर-खरगे ने भी माना गांधी परिवार का महत्व :
इसके साथ ही अध्यक्ष पद के उम्मीदवार थरूर भी कह चुके हैं कि गांधी परिवार कांग्रेस के साथ पिछली एक सदी से जुड़ा है और उनका खून हमारे डीएनए में है। वहीं उनके सामने खड़े खरगे ने रविवार को कहा था कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें पार्टी के मामलों में गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेने में कोई शर्म नहीं होगी, क्योंकि उस परिवार ने संघर्ष किया है और पार्टी के विकास में अपनी ताकत लगाई है। सोनिया गांधी ने संगठन में 20 साल तक काम किया है। राहुल गांधी भी अध्यक्ष थे, उन्होंने पार्टी के लिए संघर्ष किया है और इसकी उन्नति के लिए अपनी ताकत लगाई है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नेहरू-गांधी परिवार ने इस देश के लिए जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक बहुत योगदान और बलिदान दिया है।

खरगे ने आग कहा कि सिर्फ इसलिए कि हम (कांग्रेस) कुछ चुनाव हार गए, ऐसा कहना (गांधी परिवार के खिलाफ) सही नहीं है। उन्होंने इस देश के लिए अच्छा किया है, उनकी सलाह से पार्टी को फायदा होगा, इसलिए मैं उनकी सलाह और सहयोग जरूर मांगूंगा। इसमें कोई शर्म की बात नहीं है। सोनिया और राहुल गांधी देश के कोने-कोने को जानते हैं कि कौन कहां है और कौन पार्टी के लिए क्या कर सकता है। पार्टी में एकता के लिए क्या करना होगा, मुझे सीखना होगा और मैं करूंगा।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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