नई दिल्ली/रायपुर। डेस्क। दिल्‍ली-एनसीआर की हवा में जहर घुला हुआ है। खुली हवा में लोगों का सांस लेना दूभर है। दिल्‍ली, नोएडा, गुरुग्राम… हर जगह एयर क्‍वॉलटी इंडेक्‍स यानी AQI 400 के पार कर चुका है। नोएडा में तो एक्‍यूआई 500 के पार रिकॉर्ड किया गया है। हर सांस के साथ लोग हवा में घुला जहर भी शरीर के अंदर ले रहे हैं। स्थिति ऐसी है कि बिना स्‍माेकिंग किए ही प्रदूषण के रूप में कई सिगरेट के बराबर धुआं लोगों के शरीर में जा रहा है। एयर क्‍वालिटी बताने वाले ऐप ‘सफर’ में शुक्रवार की शाम दिल्‍ली में एयर क्‍वॉलिटी 431 रिकॉर्ड की गई। वहीं गुरुग्राम का एयर क्‍वॉलिटी इंडेक्‍स 478 और नोएडा का एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स 529 दर्ज किया गया। इन शहरों के एक्‍यूआई को सिगरेट से फैलने वाले प्रदूषण से तुलना करें तो एनसीआर के लोग कई सिगरेट के बराबर धुआं अपने शरीर में खींच रहे हैं।

नोएडा की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में एनवायरनमेंट साइंस की टीचर डॉ ऋतु रॉय बताती हैं कि एक सिगरेट से PM2.5 के 22 माइक्रोग्राम बराबर कंसंट्रेशन होता है। इस लिहाज से दिल्‍ली के AQI से तुलना करें तो यह 431 है, यानी दिल्‍ली के लोग 19 सिगरेट के बराबर जहरीला धुआं अपने अंदर खींच रहे हैं। सिगरेट के आधार पर एनसीआर के बाकी शहरों के एक्‍यूआई के साथ कैलकुलेट करें, तो नोएडा में लोग करीब 24 सिगरेट के बराबर दूषित हवा अपने अंदर खींच रहे हैं, जबकि गुरुग्राम में लोगों के शरीर में 21 सिगरेट के बराबर धुआं अंदर जा रहा है। डॉ ऋतु के अनुसार, बच्‍चों और बुजुर्गों के लिए ये हालात भयावह हैं।

डॉ ऋतु ने बताया कि एक सिगरेट लोगों की जिंदगी 11 मिनट तक कम कर सकती है और दिल्‍ली-एनसीआर में फैले वायु प्रदूषण से तुलना करें तो हर मिनट लोगों की आयु कम हो रही है। अब तक न जाने लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य पर जहरीली हवा का किस हद तक बुरा असर पड़ रहा है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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