मुंबई/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने दावा किया कि कुछ बागी विधायक पार्टी में जरूर लौटेंगे। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक मामले में जमानत पर रिहा होने के दो दिन बाद उन्होंने यह भी कहा कि एक संसदीय समिति को ऐसे सभी मामलों की जांच करनी चाहिए। गत जून में शिवसेना के 40 विधायकों के बगावत करने के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी और इसके बाद बागी एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने थे। राउत ने कहा, ‘‘उनमें (बागियों) से कुछ जरूर वापस आएंगे। मुझे विश्वास है कि कुछ वापस आएंगे।’’
राउत ने कहा कि बागी विधायक अब पार्टी छोड़ने की वजह बता रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘शिवसेना ने इन लोगों के लिए क्या नहीं किया? पार्टी ने मेरी तुलना में उनके लिए ज्यादा किया है।’ राज्यसभा सदस्य ने कहा कि पीएमएलए मामलों में त्वरित जमानत की कोई गुंजाइश नहीं है, और ऐसे कई मामले राजनीतिक प्रतिशोध या व्यक्तिगत चीजों की वजह से दर्ज किए जाते हैं। राउत ने कहा कि इन मामलों को देखने के लिए उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की ‘‘पीठ’’ या विपक्षी सदस्यों के उच्च प्रतिनिधित्व वाली एक संयुक्त संसदीय समिति होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है।