मुंबई/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा महाराष्ट्र में सही तरह से जा रही थी। बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे, महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार जैसे मुद्दे सही तरह से उठाए जा रहे थे। राहुल गांधी को सही रेस्पॉन्स भी मिल रहा था। सावरकर का मुद्दा उठाने की कोई जरूरत नहीं थी। सावरकर हमारे लिए आदर्श हैं। उनके खिलाफ बयान महाराष्ट्र बर्दाश्त नहीं करेगा। इससे महाविकास आघाड़ी में भी फूट पड़ सकती है। यह बयान आज (18 नवंबर, शुक्रवार) शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने दिया है।

संजय राउत के इस बयान को लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि जब महाविकास आघाड़ी का गठन हुआ था तो एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत बीजेपी को बाहर रखने के लिए हुआ था। अपनी पार्टियों के विचार को साइड में रखने के लिए नहीं हुआ था। राउत की पार्टी के अपने विचार हो सकते हैं। हमारी पार्टी के नेता अपने विचार रख सकते हैं। अगर कोई विवाद हो तो हम बातचीत से समस्याएं सुलझा सकते हैं। इसलिए महाविकास आघाड़ी में दरार जैसी बातें फिजूल हैं। सीनियर कांग्रेसी नेता बालासाहेब थोरात ने भी कहा कि समस्याओं को मिल बैठ कर सुलझाया जा सकता है।

‘बीजेपी के लिए सावरकर कब आदर्श पुरुष रहे, उनके विचारों के समर्थक तो बालासाहेब रहे’ :
संजय राउत ने सावरकर के मुद्दे पर बीजेपी को भी आड़े हाथ लिया और यह कहा कि सावरकर कभी बीजेपी या आरएसएस या हिंदू महासभा के आदर्श पुरुष नहीं रहे। यह इतिहास कहता है। सावरकर के अखंड भारत के समर्थक तो बालासाहेब ठाकरे थे। आज राजनीति के लिए बीजेपी सावरकर के मुद्दे का इस्तेमाल कर रही है। संजय राउत ने आज एक बार फिर दोहराया कि शिवसेना पिछले दस सालों से सावरकर को भारत रत्न देने की मांग कर रही है। बीजेपी की केंद्र सरकार उन्हें भारत रत्न क्यों नहीं दे रही है?

ठाणे के पुलिस थाने में राहुल के खिलाफ शिंदे गुट द्वारा किया गया केस दर्ज, राउत बोले इस पर :
बता दें कि राहुल गांधी के सावरकर पर दिए गए बयान के खिलाफ कल सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने मुंबई में दादर स्थित शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करवाया था। इसके बाद शिंदे गुट की महिला नेता वंदना सुहास डोंगरे ने भी ठाणे के पुलिस थाने में केस दर्ज करवाया। इस पर संजय राउत ने कहा कि अपने देश में शिकायत दर्ज करवाना एक राजनीतिक धंधा बन गया है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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