नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। श्रद्धा मर्डर केस में दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का नार्को टेस्ट करने का निर्देश दिया है। दिल्ली एफएसएल (यानी फोरेंसिक साइंस लेब्रोरेटरी) की डायरेक्टर डॉक्टर दीपा वर्मा, जिन्होंने ऐसे कई मर्डर केस देखे हैं, वो खुद आफताब के नार्को टेस्ट में अपनी टीम के साथ शामिल रहेंगी। इस मामले पर एफएसएल की डायरेक्टर डॉ. दीपा वर्मा ने खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि आफताब का नार्को टेस्ट कैसे होगा और ये कितना इफेक्टिव होगा? क्या होता है नार्को टेस्ट, कैसे किया जाता है, क्या इससे आरोपी सच बोलने लगता है?

नार्को टेस्ट से जुड़े सवाल और जवाब :
सवाल –
कोर्ट ने ऑर्डर दिया है कि आफताब का नार्को टेस्ट कराना है। ये टेस्ट कैसे होता है और कब तक करवाया जा सकता है?
जवाब – नार्को टेस्ट की रिक्वेस्ट आएगी तो उसे देखा जाएगा कि कैसे और कब उसको करना है. उस समय टीम डिसाइड की जाएगी.

सवाल – इस टेस्ट में कितना समय लगता है?
जवाब – इस टेस्ट में समय लगता है क्योंकि यह इसकी प्रक्रिया लंबी है।

सवाल – नार्को टेस्ट किस तरह से किया जाता है?
जवाब – यह फैसिलिटी कम जगह पर उपलब्ध है, लेकिन हम इस टेस्ट को करेंगे।

सवाल – इस टेस्ट को करने में कितनी टीम लगती है?
जवाब – इस टेस्ट में काफी बड़ी टीम रहती है, जिसमें एफएसएल और डॉक्टर्स की टीम शामिल होती है। हम लोग बाबा साहब अंबेडकर हॉस्पिटल में इस टेस्ट को करते हैं।

सवाल – क्या इस टेस्ट की वीडियोग्राफी भी की जाती है?
जवाब – जो भी रिक्वायरमेंट होती है, उन सभी प्रोसीजर को फॉलो किया जाता है। इस टेस्ट का अपना एक एसओपी है।

सवाल – इस टेस्ट में आरोपी सच बोल रहा है? यह कितना प्रतिशत माना जा सकता है?
जवाब – ये ठीक से नहीं कहा जा सकता है।

सवाल – कोर्ट में इस टेस्ट का कितना स्टैंड रहता है?
जवाब – कोर्ट में इसका स्टैंड रहता होगा, तभी उसने इसकी परमिशन दी है।

सवाल – आप लोग लगातार इस मामले में पुलिस का साथ दे रहे हैं। जंगल, फ्लैट और आफताब के ऑफिस भी टीम गई थी, अभी तक क्या मिला है?
जवाब – हम यह इंफॉर्मेशन शेयर नहीं कर सकते कि हमें क्या-क्या मिला है।

सवाल – साधारण भाषा में हम जानना चाहेंगे कि ये टेस्ट कैसे होता है?
जवाब – यह विषय पर निर्भर करता है और उसका स्टेटस कैसा है और क्या जरुरत है।

सवाल – आपकी टीम जंगल, फ्लैट, आफताब के ऑफिस गई थी। इसके अलावा आपकी टीम कहां-कहां गई?
जवाब –जांच के लिहाज से जहां-जहां जरूरत पड़ रही है, हमारी टीम वहां पर जा रही है।

सवाल – इस टेस्ट की रिपोर्ट आने में कितना समय लगता है?
जवाब – अलग-अलग सैंपल पर अलग-अलग समय लगता है। किसी में थोड़ा कम लगता है तो किसी में ज्यादा।

सवाल – तो क्या यह माना जा सकता है कि इस हफ्ते में टेस्ट हो जाएगा?
जवाब – कोर्ट की डायरेक्शन है तो हम टेस्ट करेंगे। लेकिन साइंटिफिकली कौन सा दिन ठीक है। कब डॉक्टर परमिशन देते हैं, यह भी देखना होगा।

सवाल – एफएसएल की कितनी टीमें इस केस में लगी हुई हैं?
जवाब – उन्होंने 1 टीम मांगी होगी तो एक ही लगी है।

सवाल – बताया जाता है कि आरोपी को बेहोश किया जाता है तो उसे कुछ पिक्चर्स दिखाई जाती हैं। क्या यह चीजें भी होती हैं?
जवाब – ऐसा कुछ नहीं है, सिर्फ मेडिसिन दिया जाता है।

सच बोलने लगा है आफताब :
सूत्रों के मुताबिक श्रद्धा हत्याकांड मामले में उसके शव के टुकड़ों को काटने के लिए हैवी शार्प कटिंग वेपन्स का इस्तेमाल हुआ। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस की सख्ती से हो रही पूछताछ में अब आफ़ताब सच बोलने लगा है। श्रद्धा हत्याकांड मामले में आफ़ताब ने घर से कई अहम सुराग बरामद करवाए हैं। आफ़ताब की निशानदेही पर घर से हथियार नुमा चीज़ मिली है। पुलिस को शक है कि क्या इसका भी इस्तेमाल शव के टुकड़े करने में किया गया था या नहीं।

टुकड़े करते वक्त खून का फव्वारा :
बताया जा रहा है कि आफताब को इंटरनेट के जरिये यह पता था की किसी मरे हुए इंसान के शव के टुकड़े करते वक्त खून का फव्वारा जरूर निकलता है। और वो खून के छींटे कुछ फिट तक जाकर गिर सकते हैं, इसलिए उसने शव के टुकड़े करने वाली जगह के आस-पास कई फिट तक खास तरह के एसिड का इसतेमाल किया औऱ तमाम खून के धब्बे मिटा दिए।

खून के धब्बे अब तक मौजूद :
वहीं फोरेंसिक टीम का दावा है की आफताब ने कत्ल वाले दिन जो कपड़े पहने हुए होंगे उन पर खून के धब्बे अब तक जरूर मौजूद होंगे। लेकिन आफताब इतना शातिर है कि जिस तरह श्रद्धा के कपड़े बरामद नहीं हो रहे हैं, वैसे ही आफताब ने अपने कपड़े भी बड़ी चालाकी से ठिकाने लगा दिए होंगे, जिनकी तलाश जारी है। पुलिस ने उसके घर से तमाम कपड़े बरामद कर लिए हैं, ताकि कोई एक सुराग उन कपड़ों से शायद पुलिस को मिल जाए।

दिल्ली पुलिस ने बढ़ाया जांच का दायरा :
वहीं श्रद्धा हत्याकांड में सबूतों की तलाश में दिल्ली पुलिस के जांच का दायरा आरोपी आफताब के गुरुग्राम स्थित ऑफिस तक एक बार फिर से पहुंचा। पुलिस की एक टीम फिर गुरुग्राम में उस जगह पर पहुंची, जहां शुक्रवार को सर्च ऑपरेशन किया था। पुलिस की टीम शनिवार को मेटल डिटेक्टर के साथ पहुंची थी, क्योंकि इसी जगह से दिल्ली पुलिस को कुछ सबूत मिले थे। पुलिस को शक है कि कातिल आफताब ने हथियार भी गुरुग्राम में तो डंप नहीं किया है, लिहाजा पुलिस मेटल डिटेक्टर की मदद से सर्च कर रही है।

कई सवालों के जवाब मिलना बाकी :
इसके अलावा दिल्ली पुलिस 7 वें दिन भी छतरपुर के जंगलों में श्रद्धा के शव के टुकड़ों को तलाशने में जुटी रही। दिन-रात सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, हर झाड़ियों को बारीकी से देखा जा रहा है। फिलहाल कई सवालो के जवाब अभी भी नहीं मिले हैं।

दिल्ली के छतरपुर जंगल और महरौली जंगल में मिली हड्डियों का क्या है राज? क्या हड्डियां वाकई में किसी इंसान की हैं या फिर जानवर की?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जंगल से मिली हड्डियों पर कट के निशान और तोड़ने जैसा प्रतीत हो रहा है।

जंगल में शरीर की कौन सी हड्डियां हुईं बरामद?
आरोपी आफताब के कबूलनामे के बाद दिल्ली पुलिस की टीम 16 नवम्बर को 3 बार उस जगह पर पहुंची थी, जहां आरोपी आफताब ने श्रद्धा की लाश के टुकड़ों को फेंकने का दावा किया। पुलिस की टीम 16 नवम्बर की सुबह करीब 6 बजे छतरपुर के जंगल में पहुंची, जहां पुलिस को सर्च के दौरान कुछ हड्डियां मिली। वहीं दूसरी बार दिल्ली पुलिस की टीम सुबह करीब 9 बजे महरौली के जंगल एरिया 100 फुटा रोड पर पहुंची। यहां पुलिस को सर्च के दौरान जो मिला उससे पुलिस भी हैरान थी। पुलिस को सर्च के दौरन एक बड़ी हड्डी मिली जो देखने में शरीर की Femur Bone लग रही थी। ये वो हड्डी है, जिसे जांघ की हड्डी (Thigh Bone) कहा जाता है। ये हड्डी बहुत मजबूत होती है। वहीं तीसरी बार दिल्ली पुलिस की टीम छतरपुर एनक्लेव के पास जंगल एरिया और मेट्रो पिलर के पास जंगल एरिये में पहुंची। जहां पुलिस को सर्च के दौरान Redius-Ulna, Patella और Femur आदि हड्डियां मिलीं। बता दें कि Redius-Ulna उसे कहते हैं जो हाथ की कलाई और कोनी के बीच की हड्डी होती है। ये हड्डी भी बहुत मजबूत होती है। Patella वो हड्डी होती है जिसे नी कैप भी कहते हैं। सबसे बड़ी बात ये भी है की इन हड्डियों पर किसी बड़े तेजधार हथियार के कट के निशान भी मिले हैं। शुरुआत में ऐसा प्रतीत होता है जैसे किसी ने इसको काटने और तोड़ने की कोशिश की हो।

अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है की जो हड्डियां पुलिस को मिली हैं वो किसकी हैं? क्या ये हड्डियां श्रद्धा की हैं या फिर किसी और की। ये आगे की जांच के बाद ही साफ हो पाएगा।

श्रद्धा केस के बाद महाराष्ट्र सरकार का फैसला :
महाराष्ट्र के महिला और बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि महिला आयोग और बाल विकास मंत्रालय एक ऐसा स्क्वाड बनाएगा, जो घर से झगड़ा कर के भागी लड़कियों के बारे में परिवार से डीटेल्स लेकर उनसे संपर्क करे और उन्हें सहायता और सुरक्षा दोनों प्रदान करे।

उत्तराखंड में तफ्तीश :
श्रद्धा-आफताब पूनावाला मामले में दिल्ली पुलिस की टीम हिमाचल प्रदेश के पार्वती घाटी इलाके के तोष में पहुंची। ऋषिकेष के पास वशिष्ट गुफा और जहां श्रद्धा और आफताब ठहरे थे, वहां भी जाएगी दिल्ली पुलिस। आफताब टीम के साथ मौजूद नहीं है। आफताब के बयानों के आधार पर देहरादून में होगी सर्च और तफ्तीश।

सीसीटीवी में कैद हुआ आरोपी आफताब :
18 अक्टूबर के दिन शव के कुछ टुकड़े फेंकने के दौरान CCTV में कैद हुआ आफताब। पांच महीने के बाद जब कई मांस के टुकड़े फेंकने जा रहा था, उस वक्त कैमरे में हुआ था कैद। 18 अक्टूबर को आफताब ने शव के टुकड़ो को फेंकने के लिए तीन चक्कर लगाए थे। सिर, धड़ और हाथ के टुकड़ों को फेंका गया था। 18 अक्टूबर को पुलिस को कुछ सबूत मिले थे।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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