चंडीगढ़/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। हरियाणा के सिरसा जिले में पंजाब सीमा पर स्थित डबवाली एक बार फिर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे दिखाई दिए। डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजकीय कॉलेज की दीवारों पर छह जगह खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए। वहीं, ‘ब्राह्मणों हरियाणा छोड़ो’ का नारा भी लिखा गया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर ये नारे लिखवाने की बात कहने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू और अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। वीडियो में हरियाणा को पंजाब का हिस्सा बताया गया है। साथ ही सीएम मनोहर लाल खट्टर को चेतावनी दी है कि 29 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में इसे लेकर वोटिंग की जाएगी। आशंका है कि इलाके में नशा तस्करी करने वाले गिरोह और सामाजिक समरसता को भंग करने की मंशा रखने वाले लोगों ने अनलॉफुल एक्टिविटी को अंजाम दिया है

DSP बोले- जांच कर करेंगे कार्रवाई :
बता दें, सिरसा का डबवाली राजस्थान और पंजाब बॉर्डर पर स्थित है। ऐसे में डबवाली पुलिस राजस्थान और पंजाब में भी इसकी जांच कर सकती है। बीआर अंबेडकर कॉलेज की दीवारों पर छह जगह ये नारे लिखे हुए मिले हैं। डबवाली के डीएसपी कुलदीप बेनीवाल ने कहा कि गुरपतवंत के वीडियो और दीवार पर मैसेज लिखने वाले के बारे में जांच हो रही है। ऐसे पुराने मामलों में सक्रिय और जेल में बंद लोगों व उनके संपर्क में रहने वालों से पूछताछ कर मामले का खुलासा किया जाएगा।

जेएनयू में भी लिखे गए थे नारे :
डीएसपी कुलदीप बेनीवाल ने कहा कि मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है। कॉलेज के बाहर सीसीटीवी नहीं लगा है, जिसकी वजह से अभी तक आरोपी की पहचान नहीं हो पाई है। बता दें, इससे पहले जेएनयू की दीवारों पर असामाजिक तत्वों ने ब्राह्मणों के खिलाफ अमर्यादित नारे लिखे थे। इसी महीने बीते एक दिसंबर को अज्ञात लोगों ने जेएनयू कैंपस में जगह-जगह दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिख दिए। कुछ नारे बेहद भड़काऊ थे- ब्राह्मण कैंपस छोड़ो, हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं, शाखा वापस जाओ, हम बदला लेंगे, खून खराबा होगा।

जेएनयू प्रेसिडेंट ने जताई थी नाराजगी :
इसको लेकर एबीवीपी जेएनयू प्रेसिडेंट रोहित कुमार ने कहा था कि कम्युनिस्टों ने जेएनयू के एसआईएस-2 की बिल्डिंग की दीवारों पर ये गालियां लिखी हैं। उन्होंने आजाद ख्यालों वाले प्रोफेसर्स को उकसाने के लिए उनके चैंबर्स पर भी भड़काऊ नारे लिखे हैं। शैक्षणिक जगहों का इस्तेमाल डिबेट, डिस्कशन के लिए होना चाहिए, न कि समाज और स्टूडेंट कम्युनिटी में जहर फैलाने के लिए।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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