नई दिल्ली/रायपुर। बसपा से कांग्रेस में आए विधायक जोगिन्दर सिंह अवाना ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बसपा सुप्रीमो मायावती को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की मांग की है। पत्र में लिखा है कि मायावती 1989 में बिजनोर लोकसभा से संसद सदस्य रही हैं। 1994 में उत्तरप्रदेश से राज्यसभा सदस्य रही और 1995 में प्रथम भारतीय दलित महिला के रूप में उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री बनी। 1997, 2002 से 2003 व 2007 से 2012 तक चार बार उत्तरप्रदेश जैसे भारत के सबसे बड़े राज्य की मुख्यमंत्री रही हैं। मायावती ने अपने कुशल नेतृत्व से पूरे भारत के दलित समाज को एक सूत्र में बांध रखा है। राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश में दलित समाज को एकत्रित कर कई विधायक, सांसद निर्वाचित करवाएं हैं। मायावती को आगामी राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो सम्पूर्ण भारत का दलित समाज कांग्रेस पार्टी का ऋणी रहेगा। दलित समाज कांग्रेस पार्टी का स्थाई मतदाता है। मायावती को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करने पर दलित समाज सदैव कांग्रेस पार्टी के पक्ष में रहकर भविष्य में कांग्रेस को भारत में मजबूत करेगा। अवाना ने लिखा है कि निवेदन है कि मायावती को आगामी राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाए।
गौरतलब है कि विपक्ष की योजना इस बार संयुक्त रूप से एक उम्मीदवार उतारने की है। इसी सिलसिले में ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों के साथ बैठक की है। इस बैठक में कांग्रेस के नेता भी मौजूद रहे। ममता बनर्जी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कांग्रेस, द्रमुक, राकांपा और समाजवादी पार्टी सहित 17 विपक्षी पार्टियों के साथ हुई बैठक में शरद पवार के नाम का प्रस्ताव रखा था। पवार के इंकार किए जाने के बाद फारुक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, आज फारुक अब्दुल्ला ने भी खुद का नाम वापस ले लिया है। मालूम हो कि भारत के नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया 15 जून से शुरू हो गई है। नामांकन की अंतिम तिथि 29 जून है और आवश्यकता होने पर 18 जुलाई को मतदान किया जाएगा।