शिवपुरी/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। एमपी के शिवपुरी जिले में कलेक्टर और मंत्री एक तहसीलदार को लेकर आमने सामने हैं। कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार को हटाने के मुद्दे पर शिवपुरी की राजनीति गरमा गई है। कोलारस तहसील ज्योति लाक्षाकार पर मुरम से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली छोड़ने के एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। यह आरोप बीजेपी नेता ने लगाए हैं। इसके बाद जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार को सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यह आदेश मौखिक रूप से 22 जनवरी को दिया था।

प्रभारी मंत्री के मौखिक निर्देश के विपरीत कलेक्टर ने तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार को कलेक्टर कार्यालय में अटैच करने के आदेश जारी कर दिए। बताया जाता है कि इस आदेश को जारी करने के पीछे बीजेपी के दो गुट आमने-सामने हैं। सूत्रों ने बताया है कि कोलारस के विधायक वीरेंद्र रघुवंशी के विरोधी खेमे ने तहसीलदार को सस्पेंड कराने के लिए यह खेल खेला। वहीं, दूसरी ओर बीजेपी के दूसरे गुट के दबाव में प्रशासनिक अधिकारी तहसीलदार को सस्पेंड करने के ऑर्डर जारी नहीं कर पाए।

दुविधा में प्रशासनिक अधिकारी :
बीजेपी दो गुट आमने-सामने होने पर प्रशासनिक अधिकारी दुविधा में आ गए हैं। इस कारण से कलेक्टर ने कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार को जिला मुख्यालय में अटैच कर दिया है। वह भू-अभिलेख संबंधित कार्यों का संपादन करेंगी। कलेक्टर ने 25 जनवरी को यह आदेश जारी किए, जिसमें तहसीलदार को ज्योति लाक्षाकार को 15 फरवरी 2023 तक भू-अभिलेख संबंधी लंबित कार्य संपादन के लिए अटैच करने के आदेश जारी किए हैं।

कोलारस में बीजेपी के दो गुट आमने-सामने :
राजनीतिक सूत्रों ने बताया है कि तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार को सस्पेंड कराने को लेकर बीजेपी के दो गुट आमने-सामने आ गए हैं। बताया जाता है कि सिंधिया खेमे के कुछ नेताओं की पटरी तहसीलदार से नहीं बैठ रही है। तहसीलदार से पटरी न बैठ पाने के बाद ट्रैक्टर ट्रॉली छोड़ने के एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप तहसीलदार पर लगे। इसी मामले को यहां पर सिंधिया खेमे से जुड़े कुछ बीजेपी नेताओं ने प्रभारी मंत्री के समक्ष उपरोक्त मामला रखा। इसके साथ ही कुछ सीसीटीवी फुटेज भी दिखाएं। इसके बाद प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने उपरोक्त मामले में मौखिक निर्देश तहसीलदार को सस्पेंड करने के दिए। इसके बाद कोलारस बीजेपी का दूसरा खेमा इस मामले में सामने आ गया। एक खेमा कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी का है। दूसरा खेमा सिंधिया समर्थक और कोलारस के पूर्व विधायक महेंद्र सिंह यादव का है। यहां पर आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट की लड़ाई को लेकर दो खेमों की राजनीति चल रही है।तहसीलदार का यह मामला भी यहां पर बीजेपी की आपसी गुटबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है।

तहसीलदार पर रिश्वत लेने के आरोप :
कोलारस में खरई रोड पर रहने वाले विक्रम राजावत ने 21 जनवरी को कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया। आरोप है कि मुरम से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली छोड़ने के एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत ली है। विक्रम ने इस मामले में पेट्रोल पंप सहित बाजार के सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराए थे।

तहसीलदार का स्टेट्स वायरल :
इन विवादों के बीच कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार का सोशल मीडिया स्टेट्स वायरल है। इसमें लिखा है कि सतर्क हो जाओ अवैध उत्खनन करने वाले माफियाओं, जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं। यह स्टेट्स वायरल होने बाद यह मामला और तूल पकड़ गया।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! You are not allowed to copy this page, Try anywhere else.