लद्दाख/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। लद्दाख के पिघलते ग्लेशियर्स को बचाने के लिए सोनम वांगचुक का बर्फीले पहाड़ों पर अनशन जारी है। शनिवार को सोनम वांगचुक के अनशन का तीसरा दिन था। शून्य से काफी नीचे तापमान में वांगचुक लद्दाख को अनियोजित उद्योगों की हानि से बचाने के लिए लगातार अपील कर रहे हैं। वांगचुक का कहना है कि अगर लद्दाख के पर्यावरण के साथ विकास के नाम पर खिलवाड़ किया गया तो पूरा इलाका बर्बाद हो जाएगा। यहां अंधाधुंध लगने वाले उद्योगों की वजह से ग्लेशियर्स पिछल रहे हैं। वांगचुक ने बीते दिनों पीएम मोदी से लेकर केंद्र सरकार के शीर्ष लोगों से लद्दाख को बचाने की अपील की थी। अब वह इसके लिए अनशन पर हैं।

लद्दाख के ग्लेशियर्स लुप्त होने का खतरा मंडरा रहा… :
लद्दाख के दो-तिहाई ग्लेशियर्स के विलुप्त होने का खतरा मंडराने लगा है। 3 इडियट्स फिल्म की प्रेरणा सोनम वांगचुक ने पीएम नरेंद्र मोदी से लद्दाख को बचाने की गुहार लगाते हुए कहा था कहा कि अगर लापरवाही बरती गई और उद्योगों से इस क्षेत्र को नहीं बचाया गया तो लद्दाख खत्म हो जाएगा। ग्लेशियर्स के विलुप्त होने से लद्दाख और उसके आसपास के क्षेत्रों में पानी का संकट उत्पन्न हो जाएगा।

वांगचुक ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि यदि उपाय नहीं किए जाते हैं और यहां उद्योग, पर्यटन और कमर्शियलाइजेशन फलते-फूलते रहेंगे तो अंतत: लद्दाख समाप्त हो जाएगा। कश्मीर विश्वविद्यालय और अन्य शोध संगठनों के हालिया अध्ययनों ने निष्कर्ष निकाला कि लेह-लद्दाख में ग्लेशियर लगभग 2/3 तक समाप्त हो जाएंगे, अगर उनकी ठीक से देखभाल नहीं की जाती है। कश्मीर विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि राजमार्गों और मानवीय गतिविधियों से घिरे ग्लेशियर तुलनात्मक रूप से तेज गति से पिघल रहे हैं। लद्दाख जैसे क्षेत्रों में न्यूनतम मानवीय गतिविधियां होनी चाहिए ताकि स्थानीय लोगों के लिए ग्लेशियर बरकरार रह सकें।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! You are not allowed to copy this page, Try anywhere else.