नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। बजट देश की अर्थव्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यह हमारी आय और व्यय के अनुमान लगाने और निर्धारित करने की प्रक्रिया है। जो ये भी दर्शाता है कि विभिन्न उद्देश्यों के लिए कितना बजट आवंटित किया जा सकता है। बजट जितना महत्वपूर्ण है, उसकी प्रस्तुति भी उतनी ही विशेष मानी जाती है, भारत में बजट को लाल कपड़े, बॉक्स या सूटकेस में लपेट कर लाया जाता है, विश्व के कई अन्य देश भी ऐसा ही करते हैं, जो एक पुरातन परंपरा का संकेत है, आइए जानते हैं कि बजट को आखिर लाल कपड़े या लाल सूटकेस में ही क्यों लाया जाता है?

कब से हुई शुरुआत :
लाल कपड़े या सूटकेस में बजट लाने की शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी, उस समय ब्रिटिश सरकार बजट को प्रस्तुत करने के लिए रेड डिस्पेच बॉक्स में लाती है, यह बॉक्स संसद के चांलसर खुद लेकर आते थे। यह बॉक्स लेदर का होता था। इसमें एक हैंडल भी लगा होता था ताकि उसे आसानी से कैरी किया जा सके। उस समय लाल रंग का प्रयोग बजट के महत्व और सरकार का अधिकार दर्शाने के रूप में किया जाता था।

अधिकार का प्रतीक है लाल रंग :
बजट की प्रस्तुति में लाल रंग के कपड़े या सूटकेस इस्तेमाल करने का गहरा महत्व है। दरअसल लाल को एक शक्तिशाली रंग माना जाता है जो ऊर्जा, शक्ति और अधिकार का प्रतीक है। यह सूरज, अग्नि और जीवन से जुड़ा है। इसका उपयोग कई संस्कृतियों में धन, समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक के रूप में किया जाता है। लाल रंग के कपड़े और सूटकेस में बजट पेश कर सरकार जनता को शक्ति, सामर्थ्य और स्थिरता का संदेश देती है।

कई देश लाल रंग के कपड़े में लाते हैं बजट :
लाल रंग के कपड़े में बजट लाने की परंपरा सिर्फ भारत में ही नहीं है, दुनियाभर के कई अन्य देशों में भी बजट को लाल कपड़े या सूटकेस में ही प्रस्तुत किया जाता है। इसे वित्त मंत्री संसद में लाती हैं। कई अन्य देशों में भी बजट को एक लाल ब्रीफकेस या फोल्डर में लाया जाता है। यह जनता के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सरकार की प्राथमिकताओं को लोगों तक पहुंचाने में मदद करता है। लाल रंग बजट की ओर ध्यान आकर्षित करता है और यह स्पष्ट करता है कि यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो ध्यान देने योग्य है।

लाल कपड़ा या सूटकेस ही क्यों ?
लाल कपड़े में बजट प्रस्तुत करना एक परंपरा बन गई है, आने वाले समय में ये परंपरा कायम रहने की उम्मीद है, क्योंकि यह रंग बजट की प्रस्तुति से जुड़ गया है। यह परंपरा का एक हिस्सा है। इसके अलावा बजट की प्रस्तुति में लाल रंग को वित्तीय हानि या घाटे का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व भी माना जाता है। दरअसल वित्तीय दृष्टि से, लाल रंग आमतौर पर कर्ज, घाटा या नकारात्मक वित्तीय परिणाम भी माना जाता है। ऐसे में लाल कपड़े या सूटकेस में बजट प्रस्तुत करने से यह उन बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित करता है, जिनमें सुधार की आवश्यकता है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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