महासमुंद/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ में इस बार बंपर धान की खरीदी की गई। 31 जनवरी तक एक लाख मीट्रिक टन से काफी अधिक धान खरीदी हुई। कहा जा रहा है कि प्रदेश ने धान खरीदी के मामले में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इससे प्रदेश के किसान काफी खुश हैं। वहीं, किसानों के खाते में हजारों करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। लेकिन इसी बीच महासमुंद जिले में खान खरीदी मामले में फर्जीवाड़ा सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, धान खरीदी केंद्र भस्करापाली में सैंकड़ों क्विटंल धान कम पाया गाय है। इससे अधिकारियों के हाथ-पांव फुल गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, भस्करापाली धान खरीदी केंद्र से 370 क्विंटल धान वजन में कम पाया गया है। वहीं, इस बात की खबर मिलते ही जिला प्रशासन ने जांच टीम गठिक कर दी है। जबकि, जांच के डर से धान खरीदी प्रभारी धान खरीद केंद्र से गायब हो गए हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ में इस बार एक नवंबर 2022 से धान की खरीदी शुरू हुई थी, जो एक जनवरी 2023 तक जारी रही। इस दौरान महासमुंद जिले में 63492 क्विंटल ऑनलाइन धान खरीदी दिखाया गया। लेकिन जब जिला प्रशानसन ने जांच की तो 370 क्विंटल धान कम पाया, जिसकी कीमत 18 लाख रुपए के करीब है। ऐसे में जांच अधिकारियों का मानना है कि धान खरीदी प्रभारी ने धान खरीदने में धांधली की है।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी :
जांच अधिकारियों की माने तो इस बार पूरे प्रदेश में सही तरह से धान की खरीदी हुई है। समय पर धान का उठान हुआ है। साथ ही किसानों के खाते में पैसे भी समय के साथ पहुंचते गए हैं। ऐसे में धान खरीदी में फर्जीवाड़ा हुआ है। वहीं, खाद्य अधिकारी अजय यादव ने बताया कि धान खरीदी केंद्र भस्करापाली में 370 क्विंटल धान कम पाया गया है। यह बोग्स धान खरीदी की ओर इशारा करता है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
छत्तीसगढ़ पंजाब के बाद दूसरे स्थान पर है :
बता दें कि इस बार छत्तीसगढ़ में 31 जनवरी तक 107 लाख 51 हज़ार 858 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वहीं, पिछले साल छत्तीसगढ़ में 98 लाख मीट्रिक धान की खरीदी हुई थी। खास बात यह है कि प्रदेश विपणन वर्ष- 2022- 23 में धान खरीदी के मामले में छत्तीसगढ़ पंजाब के बाद दूसरे स्थान पर है।