नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 67 वर्षीय एक व्यक्ति और उसके 43 वर्षीय साथी को एक ऐसे गिरोह का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जिसने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर तमिलनाडु के 28 व्यक्तियों से 2.68 करोड़ रुपए की ठगी की। यह जानकारी पुलिस अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बतयाा कि गैंग का सरगना बिहार का रहने वाला है। वह अपने एक अन्य साथी के साथ फरार है।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों द्वारा पीड़ितों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की गिनती करने की ट्रेनिंग दी गई। पीड़ितों को बताया गया कि उन्हें टीटीई और क्लर्क के पद पर भर्ती किया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी तमिलनाडु के कोयम्बटूर के शिवरामन वी. को यहां महादेव मार्ग पर सरकारी क्वार्टर से गिरफ्तार किया गया, जबकि उसके साथी और गोविंदपुरी निवासी विकास राणा को दार्जिलिंग से गिरफ्तार किया गया, जहां वह छिपा हुआ था।
नौकरी छोड़ जालसाजी के धंधे में कूदा आरोपी :
पुलिस ने कहा कि शिवरामन आसानी से धन कमाने के लिए कोई भी काम करने के लिए तैयार था, जबकि राणा राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में एक शैक्षिक सहायक के तौर पर कार्यरत था, लेकिन उसने मार्च 2022 में नौकरी छोड़ दी थी। पुलिस ने कहा कि ईओडब्ल्यू की कम से कम तीन टीम ने मामले को सुलझाने के लिए काम किया।
बिहार का रहने वाला है गैंग का सरगना :
पुलिस के अनुसार, उसने बिहार के 35 वर्षीय सतेंद्र दुबे की पहचान गिरोह के सरगना के तौर पर की है। पुलिस के अनुसार, वह दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के उत्तम नगर में रहता था। पुलिस ने कहा कि सतेंद्र दुबे अपने 24 वर्षीय साथी राहुल चौधरी के साथ फरार है।