बालोद/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश के बालोद जिले के गुण्डरदेही ब्लॉक में हटरी बाजार में स्थित चंडी मंदिर में कौमी एकता की मिसाल देखने को मिलती है। यहां, हिन्दू-मुस्लिम एक साथ पूजा अर्चना करते हैं। चंडी मंदिर से मजार की पहली चादर भी चढ़ाई जाती है।
बालोद जिले के गुंडरदेही के हटरी बाजार में चंडी मंदिर है। चंडी मंदिर में कौमी एकता की मिसाल देखने को मिलती है। यहां धार्मिक मिथ्यों से परे हटकर हिन्दू-मुस्लिम एक साथ पूजा अर्चना करते हैं। आपको बता दें, चंडी मंदिर से मजार की पहली चादर भी चढ़ाई जाती है। मंदिर से मजार की पहली चादर चढ़ाने की परंपरा तकरीबन 100 सालो से चलती आ रही है। इस दौरान जिले में साम्प्रदायिक सौदार्य का महौल भी बना रहता है। कई वर्षो से चंडी मंदिर की सेवा मुस्लिम समाज के लोग भी करते आ रहें हैं। यहां सभी समाज के लोगों द्वारा हर त्यौहार बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। भाईचारे की मिसाल है यह नगर का मंदिर जहां कुछ दूरी पर मजार भी स्थित है।
हमारे देश की यह परम्परा रही है कि सभी वर्ग और धर्म के लोग एक साथ मिल-जुलकर रहते हैं। यहां दीपावली हो या ईद, दोनों एक साथ एक ही उमंग के साथ मनाई जाती है। लेकिन कुछ जगहों पर असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया (व्हाट्सअप, फेसबुक, इंस्टाग्राम) का गलत इस्तेमाल करते हुए लोगों को भड़काने का प्रयास किया जाता है। लेकिन वे अपने मनसूबे पर कामयाब नहीं हो पाते। यह निरर्थक प्रयास सदियों से चलता आ रहा है, जिसका परिणाम हमेशा सत्य की तरफ इशारा करते हुए भाईचारे में ही खत्म होता है।