मुंबई/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे पर शिवसेना (UBT) ने तंज कसा है। पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि इस्तीफा मंजूर कर महराष्ट्र की जनता पर राष्ट्रपति ने कोई एहसान नहीं किया है। भगत सिंह कोश्यारी को हटाने के लिए महाराष्ट्र के लोग लगभग एक साल से मांग कर रहे हैं। करीब छह महीने से आंदोलन चल रहा है। लेकिन सरकार ने उन्हें तब हटाया, जब देश भर के कई राज्यपालों को बदला गया। राउत ने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी यहां राजभवन में बैठकर बीजेपी के एजेंट के रूप में काम करते रहे हैं।
संजय राउत ने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी कभी भी अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं कर पाए। बल्कि वह छोटे छोटे फैसलों के लिए भी बीजेपी पर निर्भर थे। उन्होंने कहा कि अब महाराष्ट्र में नए राज्यपाल आ रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं नए राज्यपाल संविधान के अनुसार काम करेंगे। संजय राउत ने केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार को निशाने पर लिया। कहा कि करीब एक साल से महाराष्ट्र में कोश्यारी को हटाए जाने की मांग हो रही थी। लेकिन इस सरकार की अब नींद खुली है। जबकि कोश्यारी ने शिवाजी महाराज का अपमान किया है। इसके विरोध में पूरे राज्य में जनता ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। तमाम राजनीतिक दलों और छत्रपति शिवाजी महाराज के संगठनों ने सड़क पर मोर्चा निकाला। ऐसे में इतनी देरी से फैसला लेकर राष्ट्रपति और केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र पर कोई एहसान नहीं किया है।
महाराष्ट्र सरकार को नीचा दिखाने का आरोप :
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल रहते भगत सिंह कोश्यारी ने हमेशा महाविकासअघाड़ी सरकार को नीचा दिखाने की कोशिश की। कैबिनेट की कई सिफारिशों को ऐसे खारिज किया, मानो वह राजभवन में केवल बीजेपी के एजेंट भर हों। उन्होंने इस पद की गरिमा को गिराने का काम किया। संजय राउत ने कहा कि अब राज्य को नया राज्यपाल मिल गया है। हम नए राज्यपाल का स्वागत करेंगे और उम्मीद करेंगे कि वह संविधान के मुताबिक काम करेंगे। उन्होंने नए राज्यपाल से आग्रह किया कि वह राजभवन को बीजेपी कार्यालय नहीं बनने देंगे।