नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। आज वैलेंटाइन डे है। प्रेमी और प्रेमिका प्यार का इजहार करने के लिए आज एक-दूसरे को गुलाब का फूल गिफ्ट करेंगे। आज पूरे विश्व में गुलाब की डिमांड बढ़ जाती है। वहीं, वैलेंटाइन डे की वजह से गुलाब की कीमतों में भी काफी इजाफा हो गया है। बात अगर भारत की करें तो यहां पर गुलाब के फूल का बहुत बड़ा बाजार है। यहां के फूल विदेशों तक निर्यात किए जाते हैं। खास कर बेंगलुरु मंडी के फूलों की मांग पूरी दुनिया में रहती है। ऐसे भी इस साल वैलेंटाइन डे चे चलते बेंगलुरु से गुलाब का निर्यात बढ़ गया है। कुछ स्थानीय निर्यातकों का कहना है कि इस साल वैलेंटाइन वीक शुरू होने से पहले गुलाब के निर्यात में 30% की वृद्धि हो गई। निर्यातकों का कहना है कि यहां से सिंगापुर, दुबई और मलेशिया में सबसे ज्यादा गुलाब भेजे जाते हैं। वहीं, गुलाब के व्यापारियों की मानें तो विदेशों में अच्छी किस्म की गुलाब भेजे जाते हैं, क्योंकि भारत के अपेक्षा अच्छा रेट मिल जाता है।

बेंगलुरु के एक छोटे फूल निर्यातक केआर फ्लोरा के मालिक उमेश ने कहा कि महामारी के बाद इस साल शिपमेंट में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष हमने गुलाब के 20,000 गुच्छों के निर्यात किया, जो कि पिछले साल के अपेक्षा 30% अधिक है। इस साल, हमारे मुख्य निर्यात बाजार थाईलैंड, दुबई, मलेशिया और सिंगापुर रहे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कई अन्य बेंगलुरु निर्यातकों ने इसी तरह के रुझान की सूचना दी। उनके निर्यात की मात्रा में 15-30% की वृद्धि हुई है। यह किसानों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि पिछले दो वर्षों में महामारी प्रतिबंधों, बढ़ती माल ढुलाई लागत और सही समय पर बारिश नहीं होने से फूल बाजारों को नुकसान पहुंचा था।

गुलाब जल :
गुलाब जल का इस्तेमाल आमतौर से टोनर के रूप में किया जाता है। आप कॉटन बॉल गुलाब जल में भिगोकर प्रभावित जगह पर लगाएं। इसे 20 मिनट के लिए लगा रहने दें, इसके बाद हटा दें।

विदेशी निर्यात के समानांतर इस साल स्थानीय बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हूवू फ्रेश की सह-संस्थापक रिया करुटुरी ने कहा कि गुलाब के तनों की कीमत बढ़कर 17 रुपये प्रति तना हो गई है और वैलेंटाइन डे तक 24 रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल का उत्पादन अच्छा रहा है, क्योंकि कोई भारी या अप्रत्याशित बारिश नहीं हुई है और मौसम अच्छा रहा है। बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल अंतरराष्ट्रीय गुलाब का निर्यात 137% बढ़कर 2.17 लाख किलोग्राम से 5.15 लाख किलोग्राम हो गया, जबकि घरेलू निर्यात 205% बढ़कर 1.03 लाख किलोग्राम से 3.15 लाख किलोग्राम हो गया।

बता दें कि, गुलाब की खेती में बहुत ज्यादा फायदा होता है। स्थानीय बाजार के साथ-साथ वैश्विक बाजार में भी इसकी काफी मांग है। यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहला स्थान रखता है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल भारत में सबसे अधिक गुलाब की खेती होती है। खास बात यह है कि गुलाब की खेती में लागत भी कम है, ऐसे में किसान इसकी खेती कर कम समय में मालामाल हो सकते हैं।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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