नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। भारतीय लड़ाकू विमान तेजस को दुनिया के कई देशों में पसंद किया जा रहा है। अमेरिका भी तेजस विमान की तारीफ कर चुका है। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के अंतर्गत आने वाली एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) Tejas Mk2 न केवल आठ बियॉन्ड-विजुअल-रेंज (BVR) मिसाइलों को एक साथ ले जाने में सक्षम है, बल्कि सभी देशी हथियारों के साथ-साथ अन्य देशों के उन्नत हथियारों को भी इंटीग्रेट कर सकता है।

एलसीए Mk2 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वी मधुसूदन राव ने बेंगलुरु में पिछले दिनों आयोजित देश की सबसे बड़ी विमानन प्रदर्शनी एयरो इंडिया 2023 के मौके पर द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “दुनिया में इस कैटेगरी का कोई अन्य सिंगल-इंजन वाला विमान एक साथ आठ बीवीआर मिसाइल एक साल नहीं ले जा सकता है। इसकी ये अनूठी खासियतें इसे वैश्विक फर्मों द्वारा निर्मित विमानों के बीच खड़ा कर देंगी और इसकी निर्यात क्षमता को काफी बढ़ा देंगी।”

भविष्य बीवीआर कॉम्बैट का – प्रोजेक्ट डायरेक्टर :
प्रोजेक्ट डायरेक्टर राव ने यह भी उल्लेख किया कि “भविष्य बीवीआर कॉम्बैट का है और हम उसके लिए तैयार हैं।” इस शीर्ष अधिकारी ने कहा कि विमान को भारी गतिरोध वाले हथियारों के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा, जैसे कि SCALP, एक हवा से जमीन, लंबी दूरी की गहरी मार करने वाली मिसाइल। उन्होंने इसकी खासियत बताते हुए कहा, “हमने इस विमान (LCA Mk 2) को डिजाइन करते समय एडवांस्ड फ्रांसीसी और रूसी हथियारों, अन्य पश्चिमी देशों के हथियारों के अलावा ASTRA (एक BVR हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल) जैसे स्वदेशी हथियारों के एकीकरण पर विचार किया। अन्य विमानों के विपरीत, LCA Mk2 कई देशों के अद्वितीय हथियारों को एकीकृत करने में सक्षम होगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि LCA Mk2 ने इंप्रूव्ड रेंज समेत एलसीए तेजस एमके1 से तकनीक में भारी उछाल देखा है। एलसीए तेजस एमके1 के लिए युद्ध लड़ने को लेकर मिशन इंडुरेंस 57 मिनट था, लेकिन LCA Mk2 के लिए यह 120 मिनट रहा। Mk2 में 11 हार्डपॉइंट होंगे। LCA Mk2 के पास हथियार ले जाने की क्षमता 6.5 टन की होगी। LCA Mk2 में जनरल इलेक्ट्रिक GE-414 इंजन लगा होगा।

LCA Tejas के लिए कई देशों से बातचीत :
वरिष्ठ रक्षा अधिकारी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सार्वजनिक क्षेत्र की विमान निर्माण कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) LCA Tejas Mk-1A को बेचने के लिए मलेशिया, अर्जेंटीना, मिस्र और बोत्सवाना सहित कई देशों के साथ लगातार बातचीत कर रही है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सीबी अनंतकृष्णन ने पिछले हफ्ते जानकारी देते हुए बताया था कि मलेशिया को 16 हल्के लड़ाकू जेट बेचने की कोशिश पर “थोड़ा झटका” लगा था क्योंकि उसकी ओर से एलसीए की जगह कोरियाई केएआई एफए-50 (KAI FA-50) को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया था।

भारतीय सेना में शामिल होंगे :
पिछले साल सितंबर में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमान एलसीए एमके2 को विकसित करने के लिए 9,000 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। भारतीय वायु सेना के घटते लड़ाकू स्क्वाड्रनों में अंतर को कम करने के लिए, LCA Mk2 और स्वदेशी उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) को जगुआर, मिग-29 और मिराज 2000 की जगह शामिल किया जाएगा, ये सब अगले एक दशक में रिटायर हो जाने वाले हैं। उन्होंने कहा, “हमारी पहली प्राथमिकता (रक्षा) सेवाओं की जरूरत को पूरा करना है, जिसके बाद हम अन्य देशों से अनुरोधों का सम्मान करेंगे।” उन्होंने कहा, “अब तक 16 देशों ने लड़ाकू जेट विमान को लेकर रुचि दिखाई है।”

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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