नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। दुनियाभर में जासूस गुब्बारे की बड़ी चर्चा है। इस बीच एक नया खुलासा हुआ है कि भारत में भी इस तरह का एक संदिग्ध गुब्बारा देखा गया था। एक साल पहले की बात है जब भारत के स्ट्रेटेजिक आइसलैंड चेन के ऊपर एक गुब्बारा मंडरा रहा था। तब इसके बारे में ज्यादा चर्चा नहीं थी और लोग इसके बारे में समझ भी नहीं सके। अब जब दुनियाभर में जासूस गुब्बारा घूम रहा है, तो भारत में भी देखे गए संदिग्ध गुब्बारे की जांच की उम्मीद की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिस आइसलैंड पर गुब्बारा देखा गया था, वो भारत के बंगाल की खाड़ी में स्थित मिसाइल टेस्टिंग सिस्टम से काफी नजदीक है। यह मलक्का स्ट्रेट के आसपास का क्षेत्र है, जहां से चीन और अन्य नॉर्थ एशियन देशों को एनर्जी और अन्या साजो-सामान की सप्लाई की जाती है।
फ्यूचर में गुब्बारा डिटेक्ट करने और नष्ट करने की तैयारी :
रिपोर्ट में बताया गया है कि अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह से भी लोग इस गुब्बारे को देख रहे थे और इसकी तस्वीरें भी क्लिक की। इस संदिग्ध गुब्बारे की तस्वीर लोगों ने सोशल मीडिया पर भी शेयर की। अब जबकि अमेरिका ने चीनी जासूस गुब्बारे को मार गिराया है, तब यह आरोप भी लग रहे हैं कि भारतीय आइसलैंड में देखा गया गया संदिग्ध गुब्बारा भी चीनी सर्विलांस का हिस्सा हो सकता है। इस मामले के खुलासे के बाद भारतीय अधितकारियों ने प्रोटोकोल तैयार करना शुरू कर दिया है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश है कि इस तरह के संदिग्ध ऑब्जेक्ट को समय रहते डिटेक्ट किया जाए और मार गिराया जाए।
अमेरिका ने मार गिराया चीनी जासूस गुब्बारा :
अमेरिका के कई शहरों में जासूस गुब्बारे देखे गए थे और कुछ यूरोपीय देशो में भी इस तरह के संदिग्ध गुब्बारे डिटेक्ट किए गए थे। अमेरिका ने अलस्का में गुब्बारे को बर्बाद करने के लिए Aim-9X साइडविंडर मिसाइल का इस्तेमाल किया था, जिसकी कीमत 400000 डॉलर बताई जाती है। अमेरिका ने यह मिसाइल USAF F-22 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया था। हालांकि रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत एक गुब्बारे को मारने के लिए फाइटर जेट या ट्रांसपोर्टर एयरक्राफ्ट में भारी मशीन गन के इस्तेमाल के पक्ष में है।