इंदौर/रायपुर। द मीडिया पॉइंट। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्रिंसिपल को जिंदा जलाकर मारने वाला सिरफिरा छात्र खाई में मिला था। प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा पर आग लगाकर आरोपी छात्र सुसाइड करने ऊंची पहाड़ी पर पहुंचा था। जहां वन समिति के कर्मचारी ने बातों में उलझाकर अपने पास बुलाया और पुलिस के हवाले कर दिया था। आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव आग में खुद भी झुलस चुका था, यह भी देखा गया की वो काफी डरा सहमा और कांप रहा है। उसके शरीर पर भी जख्म के निशान है। जली हुई अवस्था में आरोपी पानी मांग रहा है। कर्मचारी पूछ भी रहे हैं कि क्या हुआ है, किसने गले में नोचा है। मामला पता चलने के बाद कर्मचारियों ने उसे पुलिस को सौंप दिया।

18 अक्टूबर 2022 को आशुतोष अपना रिजल्ट लेने के लिए कॉलेज में आया था, लेकिन उसका रिजल्ट नहीं आया था। जिसके चलते गुस्साए आरोपी ने चाकू से हमला कर दिया था। आरोपी पिछले साल बी फार्मेसी से पास आउट हुआ था। उसके पहले आरोपी को दो सब्जेक्ट में एटीकेटी भी आई थी। जिसकी परीक्षा देने के बाद आरोपी लगातार कॉलेज जाकर रिजल्ट की मांग कर रहा था, लेकिन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से ही उस समय तक मार्कशीट नहीं आई थी। जिसके चलते आरोपी लगातार कॉलेज में आकर विवाद करता था। कॉलेज में आरोपी की मार्कशीट आने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने आरोपी के पिता को फोन कर मार्कशीट ले जाने की जानकारी भी दी थी। लेकिन 20 फरवरी को अचानक आरोपी कॉलेज पहुंचा और प्रिंसिपल पर बाल्टी भरकर पेट्रोल डाल दिया और आग लगा दी। प्रिंसिपल की गंभीर हालत में भर्ती करवाया गया, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई।

पुलिस ने आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव को घटना के बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। पूरे मामले में पुलिस पर भी कहीं ना कहीं सवालियां निशान खड़े हो रहे हैं। प्राचार्य ने लगातार आशुतोष श्रीवास्तव से परेशान होकर थाने पर 3 आवेदन दिए थे, जिसमें प्राचार्य ने कहा था कि आशुतोष लगातार उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहा है। इसके बावजूद पुलिस ने किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद आरोपी ने घटना को अंजाम दे दिया। पूरे मामले में ग्रामीण एसपी भगवत वीरदे का कहना है पूरे मामले को पुलिस फास्टट्रैक कोर्ट में चलाएगी और आरोपी को फांसी की सजा दिलाने का प्रयास करेगी। प्रिंसिपल विमुक्त शर्मा की बेटी देवंशी और ननद दीपाली शर्मा ने मांग की है कि आरोपी को फांसी की सजा दिलाई जाए। इसके साथ ही पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी चलाया जाए। जिससे परिवार को शांति मिल पाएगी। 5 दिन जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ते हुए शनिवार सुबह 4 बजे प्रिंसिपल जिंदगी की जंग हार गई। पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक आरोपी ने जहां से पेट्रोल खरीदा था, वहां के सीसीटीवी फुटेज और जहां से बाल्टी खरीदी थी सभी के 164 के बयान दर्ज करवाए हैं। ग्रामीण एसपी का कहना है पूरे मामले में आरोपी को कड़ी सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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