कोरबा/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक एक बुजुर्ग दंपत्ति की जान बचाने के लिए संजीवनी कार्यकर्ता ने मिसाल पेश की है। दरअसल, कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में 108 संजीवनी एक्सप्रेस की टीम ने अपने काम से सेवा और समर्पण की मिसाल कायम की है। घायल बुजुर्ग दंपति को समय पर अस्पताल पहुंचाने और उनकी जान बचाने के लिए 108 की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दरअसल, मदनपुर गांव में 65 वर्षीय इतवार और उनकी पत्नी 61 वर्षीय फूल कुंवर का अपने पड़ोसी के साथ जमीन को लेकर विवाद हो गया। इस दौरान दोनों के बीच झड़प हो गई थी।

झड़प में इतवार के बाएं हाथ और सिर पर और उनकी पत्नी फूल कुंवर के दाएं पैर और सिर पर चोट आई। परिजनों ने इसकी सूचना 108 को दी। सूचना मिलते ही टीम रवाना हो गई। किन्तु गांव से उनके घर तक जाने का रास्ता कच्चा और बहुत संकरा था जिस कारण से एम्बुलेंस का पहुंचना संभव नहीं था। ऐसे में पायलट मुन्ना विश्वकर्मा और ईएमटी दुलार दास ने 1 किलोमीटर तक पैदल चलते हुए घर से उन्हें स्ट्रेचर की मदद से एम्बुलेंस तक लेकर आए।

दोनों अस्पताल में भर्ती :
बेहोशी की हालत में फूल कुंवर की स्थिति निरंतर बिगड़ती जा रही थी। उनके जख्म से तेजी से खून बह रहा था। ऐसे में ईएमटी दुलार ने अपने सूझबूझ का परिचय देते हुए ईआरसीपी की मदद ली और डॉक्टर के सलाहनुसार दोनों घायल बुजर्गों का इलाज करते हुए उन्हें पीएचसी मोरगा अस्पताल लेकर आए। फिलहाल डाक्टरों ने उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया है। उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।

गांव के लोगों को होती हैं मुश्किलें :
दरअसल, गांव में आज भी पक्की सड़क नहीं है जिस कारण से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। किसी की तबियत गंभीर रूप से खराब हो तो ग्रामीण इस तरह एक किमी पैदल सफर कर मरीज को अस्पताल पहुंचाते हैं।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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