जबलपुर/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। अपने चमत्कारों को लेकर चर्चा में आए बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बार फिर साईं बाबा के खिलाफ बड़ा बयान दिया है। साईं बाबा की पूजा को लेकर उन्होंने कहा कि कोई गीदड़ शेर की खाल ओढ़ ले तो वह शेर नहीं हो जाता। धीरेंद्र शास्त्री शनिवार को जबलपुर के पनागर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के आखिरी दिन लोगों से संवाद कर रहे थे। इस दौरान जब उनसे साईं पूजा को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने साईं बाबा को भगवान मानने से इंकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि साईं बाबा संत या फकीर हो सकते हैं, लेकिन भगवान नहीं। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि शंकराचार्य सनातन धर्म शंकराचार्य के सिद्धांतों पर चलता है और वह हिन्दू धर्म के प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कभी भी साईं बाबा को देवता का दर्जा नहीं दिया। इसलिए वह भी शंकराचार्य को भगवान नहीं मानते। उन्होंने कहा कि साईंबाबा तुलसीदास से बड़े नहीं हो सकते। लेकिन तुलसीदास या सूरदास को भी युग पुरूष कहा गया है। इसी प्रकार अन्य धर्मों में भी युग पुरुष हो सकते हैं। इन्हें भगवान कैसे कहा या माना जा सकता है।

उन्होंने खुद अपना उदाहरण देते हुए कहा कि यह वह छत्र लगाकर बैठ जाए तो क्यों उन्हें शंकराचार्य मान लिया जाएगा। बता दें कि साईं बाबा को लेकर उठे तमाम विवादों पर अब विराम लग चुका है। लेकिन बागेश्वर सरकार के इस बयान ने फिर से उन्हीं विवादों को हवा दे दी है। अशंका है कि जल्द ही इस बयान पर साईं बाबा समर्थकों की प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बागेश्वर सरकार एक और बयान को लेकर चर्चा में हैं।

जबलपुर में आयोजित श्रीमद्भागव कथा के तीसरे दिन उन्होंने ऐलान किया था कि जल्द ही वह अंग्रेजों की ठठरी बांधने के लिए अमेरिका जा रहे हैं। उन्होंने कैलिफोर्निया से आए एक भक्त से संवाद करते हुए यह बयान दिया था। इसमें कहा था कि 15 अगस्त को अमेरिका में झंडा फहराने के लिए उन्हें निमंत्रण मिला है। इस कथा के दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दरबार लगाकर भक्तों से बातचीत भी की। इस दौरान अपनी समस्या लेकर पहुंचे तमाम लोगों की पर्ची निकालकर समस्याओं के समाधान के लिए उपाय बताया।

पांच साल जिंदा रहे तो…..
इस दौरान उन्होंने हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र को लेकर एक बार फिर से बयान दिया। कहा है कि चार-पांच साल अगर वह और जिंदा रह गए तो दूसरे धर्मों के लोग भी हरि हरि बोलना शुरू कर देंगे। उनके भी माथे पर तिलक होगा और हाथ तिरंगा होगा। उन्होंने कहा कि भारत में पूजा, धर्म, दरबार और भगवान के नाम पर धंधा नहीं होना चाहिए और वह ऐसा होने भी नहीं देंगे। इसके लिए वह काम करेंगे। वहीं उन्होंने लव जिहाद और भगवान राम की यात्रा मार्ग पर पत्थर फेंके जाने की घटनाओं पर अपने अंदाज में चेतावनी भी दी। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद श्रद्धालुओं को चुनौती देते हुए कहा कि यदि आप बुझदिल नहीं है तो कोई आपकी बहू बेटियों से लव जिहाद करने की हिम्मत नहीं कर सकता। कोई भगवान राम की यात्रा में पत्थर फेंक रहा है तो यह हमारी कमजोरी है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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