कोलकाता/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। बिहार से बंगाल हथियारों की तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है। बंगाल एसटीएफ की कार्रवाई में फिर से अवैध हथियार बरामद किए गए। पुलिस ने अवैध हथियारों की बरामदगी के साथ ही तीन हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों के पास से तीन पिस्टल, 14 राउंड गोलियां और 6 मैगजीन बरामद हुई हैं। यह हथियार सोमवार रात पूर्वी बर्दवान जिले के कटवा रेलवे स्टेशन पर बरामद किया गया। पकड़े गए तीन हथियार तस्करों में से एक बिहार का रहने वाला है। बाकी 2 राज्य के मुर्शिदाबाद जिले के रहने वाले हैं। पुलिस को पता चला कि ये हथियार बिहार के मुंगेर से लाए जा रहे हैं।
अन्य 2 व्यक्ति मुर्शिदाबाद से बिहार से लाए गए हथियार लेने के लिए कटवा स्टेशन आए थे। हथियारों की तस्करी की सूचना मिलने के बाद बंगाल एसटीएफ के अधिकारी कटवा स्टेशन पर मौजूद थे और हथियार तस्करी के आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
कटवा स्टेशन पर हथियारों के साथ तीन को दबोचा :
बंगाल एसटीएफ को गुप्त सूत्रों से हथियारों की तस्करी की जानकारी मिली थी। खबर मिलते ही एसटीएफ के अधिकारियों ने कटवा रेलवे स्टेशन पर छापेमारी की। हथियारों की तस्करी के आरोप में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ ने बताया कि इनके पास से तीन पिस्टल, 14 राउंड कारतूस और 6 मैगजीन बरामद हुई है। पता चला है कि इन हथियारों की तस्करी बिहार से की जा रही थी। गिरफ्तार लोगों में एक बिहार के मुंगेर का रहने वाला है। इनका नाम श्रीलाल मंडल (53) है।
बंगाल और बिहार का रहने वाला निकला हथियारों का तस्कर :
एसटीएफ की गिरफ्त में आए बाकी 2 मुर्शिदाबाद के रहने वाले हैं। कस्वर शेख (42) मुर्शिदाबाद के नोवाडा का रहने वाला है और सुदीप खान (25) मुर्शिदाबाद के हरिहरपाड़ा का रहने वाला है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक श्रीलाल हथियार बिहार के मुंगेर से कटवा थाने लाया था। मुर्शिदाबाद से कस्वाल और सुदीप हथियार लेने कटवा आए थे। घटना को लेकर कटवा जीआरपी थाने में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि घटना में कोई और शामिल तो नहीं है। साथ ही हथियारों की तस्करी के गिरोह का ब्यौरा जानने का प्रयास किया जा रहा है।
बता दें कि बंगाल में शीघ्र ही पंचायत चुनाव की घोषणा होने वाली है। ऐसे में हथियारों की तस्करी के मामले के खुलासे से राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ गई है। विरोधी दलों चुनाव में हिंसा की का आशंका जता रहे हैं।