नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। स्वीडन में बार-बार कुरान जलाने के मामले में विवाद जारी है। इस घटना को लेकर कई इस्लामिक देशों में स्वीडन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। घटना को लेकर इस्लामिक देश भड़के हुए हैं। इस मामले में 57 इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने सोमवार को फिर बैठक की। बैठक में निर्देश जारी किया गया है कि स्वीडन, डेनमार्क या जिस देश में भी कुरान जलाने की घटना हों, उनके खिलाफ जरूरी एक्शन लिया जाए।

बैठक की शुरुआत में ओआईसी महासचिव हिसैन ब्राहिम ताहा ने घटना की निंदा की और आरोप लगाया कि स्वीडन और डेनमार्क में अधिकारियों की ओर से कुरान के अपमान को रोकने के लिए कोई आधिकारिक कार्रवाई नहीं की गई। हिसैन ब्राहिम ताहा ने दोहराया कि इन दोनों सरकारों को ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए आधिकारिक कार्रवाई करनी चाहिए।

ऐसी घटनाओं से धर्मों के प्रति सम्मान में आती है कमी- OIC :
ताहा ने ओआईसी देशों से स्वीडन और डेनमार्क के संबंध में कड़े कदम उठाने की अपील भी की, ताकि कुरान के बार-बार अपमान को लेकर अधिकारियों के रुख के प्रति अपना विरोध और विरोध व्यक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दावा करने वाले संबंधित अधिकारी अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ ऐसे अपराधों को बार-बार करने के लिए लाइसेंस देते हैं। ऐसी घटनाओं से धर्मों के प्रति सम्मान में कमी आती है।

यह एक नस्लीय अपराध है- कतर :
वहीं इस बैठक में कुरान जलाने की घटना की निंदा करते हुए कतर ने कहा कि यह एक नस्लीय अपराध है, जिसका उद्देश्य लोगों के बीच नफरत की भावना फैलाना है। विदेश मंत्रालय में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग राज्य मंत्री एचई लोलवाह बिन्त राशिद अल खातेर ने कहा कि कुछ सरकारों की नाक के नीचे और पवित्र कुरान को अपवित्र करने और जलाने की कोशिश की गई। यह जानभूझकर किया गया नस्लीय अपराध है। ऐसे देश शांति को खतरे में डालने के अलावा अपने देशों में सामाजिक शांति के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।

स्वीडन में फिर जलाई गई कुरान :
बता दें कि स्वीडन में लगातार कुरान फाड़ने और उसे जलाने की घटनाएं हो रही हैं। कल भीसोमवार को स्टॉकहोम में संसद के बाहर दो प्रदर्शनकारियों ने कुरान को आग के हवाले कर दिया। बड़ी बात यह है कि हाल के दिनों में कुरान जलाने की यह तीसरी घटना है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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