नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में घिरे हुए हैं। इस मामले में अदालत में सुनवाई भी चल रही है। बुधवार को उन्होंने कोर्ट में कहा कि बिना किसी यौन इरादे के महिला से गले लगना या उन्हें छूना अपराध नहीं है। दिल्ली पुलिस ने 15 जून को बृजभूषण मामले में चार्जशीट दायर की थी, जिसमें भारतीय दण्ड संहिता की कई धाराएं दर्ज की गई हैं।

WFI बृजभूषण सिंह की यह दलील उनके वकील राजीव मोहन ने रखी। द मीडिया पॉइंट के अनुसार,अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष चल रही सुनवाई में बृजभूषण के खिलाफ तय किए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का विरोध किया। इसके साथ उन्होंने कोर्ट की कार्रवाई पर सवाल करते हुए कहा कि भारत के बाहर किए गए कथित अपराध की सुनवाई भारत की अदालत में नहीं किया जा सकता है।

भारतीय कोर्ट के क्षेत्राधिकार के बाहर है मामला :
डब्ल्यूएफआई प्रमुख का प्रतिनिधित्व कर रहे राजीव मोहन ने कहा कि सिर्फ तीन मामलों में कोर्ट के पास भारतीय क्षेत्राधिकार के बाहर किए गए अपराधों में कार्रवाई करने का अधिकार है। भारत के बाहर किए गए अपराधों की सुनवाई की मंजूरी न होने के कारण अदालत द्वारा कार्रवाई नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि अदालत के पास इस मामले में सुनवाई करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है क्योंकि कथित तौर पर अपराध का आरोप भारत के बाहर लगाया गया है।

खुशी में गले लगाना अपराध नहीं :
बृजभूषण सिंह का बचाव करते हुए उनके वकील ने कहा कि कुश्ती में अधिकतर पुरुष कोच होते हैं, महिला कोच कम होती हैं। यदि किसी उपलब्धि या खुशी में कोच दूसरे खिलाड़ी को गले लगाता भी है, तो इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। बृजभूषण मामले की सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी। बता दें कि इस मामले में दिल्ली के जंतर-मंतर पर कई पहलवानों ने धरना भी दिया था, जिसके बाद पुलिस द्वारा एक्शन लिया गया था।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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