नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। कंगाल हो रहे पाकिस्तान की मुसीबत कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। पहले आटा-दाल, चावल, खाना, फिर पेट्रोल-डीजल, बिजली और अब सैंडविच। जी हां, देश में खाने के लाले पड़े हैं ऐसे अब यहां सैंडविच, बर्गर बनाने वाली कंपनी ने भी सैंडविच का साइज छोटा कर दिया है। ऐसा नहीं कि साइज कम होने से कीमत हो गई, कीमत अभी भी उतनी ही है। दरअसल, महंगाई और कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान में अब सबवे ने अपनी सैंडविच का साइज छोटा कर दिया है। जिससे अब वहां के लोगों को पैसे देने के बावजूद भी पेटभर सैंडविच खाने को नहीं मिलेगी।

सबवे ने पाकिस्तान में अपने सैंडविच का साइज 3 इंच कर दिया है। पहले ये 6 इंच हुआ करता था। वहीं, इस 3 इंच के सैंडविच की कीमत अभी भी पाकिस्तान में बहुत ज्यादा है। कंपनी इसे 350 रुपये से ज्यादा के रेट पर बेच रही है। अमेरिकी फास्ट फूड चेन सबवे ने महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान में लोगों को राहत देने के लिए 3 इंच का सैंडविच लॉन्च किया। यह पहली बार है जब सबवे ने ग्लोबल लेवल पर सैंडविच का मिनी वर्जन लॉन्च किया है।

क्यों कम हुआ सैंडविच का साइज :
आमतौर पर अमेरिकी फूड चेन कंपनी सबवे की सैंडविच का साइज 6 और 12 इंच का होता है। लेकिन, महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तानियों को राहत देते हुए कंपनी ने सैंडविच का छोटा करने का फैसला लिया है। लेकिन, फिर भी पाकिस्तानियों के लिए महंगा ही है। ऐसा नहीं है कि यह कदम सिर्फ सबवे ने उठाया है बल्कि पाकिस्तान में कई रेस्टोरेंट्स ने लोगों को राहत देने के लिए ऐसे कदम उठाए है। महंगाई से निपटने के लिए फूड कंपनियों ने लोगों को 2 तरह से राहत दी है। कई रेस्तरां ने खाने-पीने की चीजों की कीमतें कम कर दी या फिर क्वांटिटी कम कर दी है।

डबल डिजिट में पहुंची महंगाई :
महंगाई से पाकिस्तान का बुरा हाल है। महंगाई का आंकड़ा यहां डबल डिजिट में पहुंच चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में फूड इंफ्लेशन रेट 38 फीसदी से ऊपर है जबकि महंगाई दर 27 फीसदी से ज्यादा है। सितंबर 2022 में खाने-पीने के सामानों की महंगाई दर 6 प्रतिशत थी लेकिन अब यह 6 गुना बढ़ गई है।

महंगाई ही नहीं, बिजली की किल्लत और लाखों में आ रहे बिजली बिल से भी पाकिस्तान की आवाम बुरी तरह परेशान हैं। पिछले कई दिनों से लोग बिजली और महंगाई के मुद्दे पर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कई मौकों पर पाकिस्तान के कई शहरों में लोग आटा और दाल के लिए लड़ते नजर आए।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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