रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ में सफलतापूर्वक दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में सतत तौर पर उचित मूल्य राशन दुकानों में हर माह की वास्तविक बचत सामग्री के आधार पर अगले माह का राशन आबंटन किया जा रहा है। राज्य सरकार का कहना है कि वर्तमान में 96 फीसदी उपभोक्ता प्रतिमाह बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के बाद राशन सामग्री का उठाव कर रहे हैं। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की व्यवस्था लागू होने के बाद किसी भी तरह की राशन की हेरी-फेरी की संभावना असंभव है। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से राशन वितरण की व्यवस्था कम्प्यूटर से संचालित हो रही है, इससे किसी भी स्तर पर गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रह गई है।
राज्य सरकार ने सोशल मीडिया-फेसबुक में वायरल वीडियों में बताये जा रहे छत्तीसगढ़ में राशन घोटाला को तथ्यहीन और निराधार बताया है। खाद्य अधिकारियों ने जानकारी दी कि माह सितंबर 2022 के बचत स्टॉक का सत्यापन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसी शिकायत के आधार पर नहीं, बल्कि स्वयं निर्णय लेकर कराया गया है, इसलिए इस कार्यवाही को घोटाला की संज्ञा दिया जाना तर्कसंगत नहीं है। केन्द्रीय जांच दल ने भी वर्ष 2022-23 में खाद्य संचालनालय द्वारा उचित मूल्य दुकानों को हर माह जारी राशन सामग्री के आबंटन में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। भारत सरकार के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में ‘वन नेशन, वन राशनकार्ड’ योजना को राज्य के विभिन्न जिलों में चरणबद्ध रूप में लागू करने की कार्यवाही फरवरी 2022 से शुरू की गई। जो सितंबर 2022 तक चलती रही। इस योजना के लागू होने के पहले फरवरी 2022 के पहले राज्य की सभी उचित मूल्य दुकानों को 2 माह पूर्व के बचत स्टॉक को घटाकर तथा 3 माह पूर्व के बचत स्टॉक को जोड़कर राशन सामग्री का प्रदाय किया जा रहा था।