रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपने 85 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है, केवल 5 नामों की घोषणा बाकी है। इन नामों में कई चर्चित नाम हैं,लेकिन सबसे अधिक चर्चा ईश्वर साहू की है। बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा में पड़ने वाले बिरनपुर गांव के निवासी ” ईश्वर साहू” के बेटे की मृत्यु कथित साम्प्रदयिक तनाव में हो गई थी। बिरनपुर राजनीती का केंद्र बन गया था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भूपेश बघेल सरकार के मंत्री रविंद्र चौबे साजा विधानसभा से विधायक हैं। चौबे की पहचान कांग्रेस सरकार के सबसे ताक़तवर मंत्रियों में होती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी उनकी सलाह के बिना कोई फैसले नहीं लेते हैं। भाजपा किसी भी हाल में सजा की सीट जितना चाहती है, इलसिए उसने बिरनपुर हिंसा पीड़ित परिवार के सदस्य को चुनाव में उतरा है।बीजेपी को लगता है कि वह ऐसा करके प्रशासन और स्थानीय विधायक के प्रति उपजी नाराजगी को भुना सकती है।

क्या भुवनेश्वर की मौत को भुना पाएगी भाजपा :
टिकट मिलने के बाद ईश्वर साहू ने कहा कि भाजपा मेरे हर दुख दर्द में मेरे साथ खड़ी रही है। मेरे बेटे को न्याय मिले, इसलिए मुझे भाजपा ने साजा से टिकट दिया है। बहराहल “ईश्वर साहू” पूरी तरह गैरराजनीतिक व्यक्ति हैं, उनकी पहचान केवल उतनी है कि यह बेहद ही चर्चित बिरनपुर हिंसा के पीड़ित हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि ईश्वर साहू विशुद्ध रूप से अराजनीतिक व्यक्ति है। भारतीय जनता पार्टी लाख कोशिश करे,किन्तु बिरनपुर मुद्दा नहीं हो सकता है।

आसान नहीं है रविंद्र चौबे को शिकस्त देना :
भाजपा का मानकार चल रही है कि रविंद्र चौबे को इसी चाल से हराया जा सकता है,लेकिन यह इतना भी आसान नहीं हैं,क्योंकि रविंद्र चौबे इतने दिग्गज नेता हैं,जिनका प्रभाव केवल अपनी विधानसभा में नहीं,बल्कि पूरे प्रदेश में हैं। साजा विधानसभा से 7 बार चुनाव जीत चुके हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश में भी वह कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं।

किसे साधना चाहती है भाजपा? बिरनपुर हिंसा हिंदू और मुस्लिम समुदाय के मध्य हुए विवाद का परिणाम थी ,लिहाजा भाजपा एकदम आम पृष्ठभूमि के निर्धन ग्रामीण ईश्वर साहू के हवाले हिंदू मतदाताओं को साधने की जुगत में है। इतना ही नहीं, ईश्वर साहू ओबीसी वर्ग से आते हैं। भाजपा इस बात को भलीभांति जानती है कि वह साहू समाज को भी अपने पक्ष में ले सकती है। ज्ञात हो कि बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में 6 अप्रैल, 2023 में दो गुटों की झगडे के बाद युवक भुनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद हिंसा भड़की और कुछ घरों में आगजनी की गई थी। इस गांव और आसपास क्षेत्र में काफी दिनों तक धारा 144 लागू थी।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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