आज नवरात्रि की अष्टमी और कल नवमी तिथि है….नवरात्रि के आठवें दिन का विशेष महत्व होता है….इस दिन को महा अष्टमी या दुर्गा अष्टमी भी कहा जाता है….नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के मां महागौरी स्वरूप की उपासना की जाती है….मां महागौरी का रंग पूर्णता गोरा होने के कारण ही इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है….मान्यता है कि मां महागौरी की पूजा करने से धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है….महागौरी गौर वर्ण की है और इनके आभूषण और वस्त्र स्वेत रंग के हैं….इनकी उम्र आठ साल की मानी गई है….इनकी चार भुजाएं है और वृषभ पर सवार होने के कारण इन्हें वृषारूढा भी कहा जाता है…अष्टमी के अवसर पर सुबह से ही देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है….भक्त माँ का दर्शन पूजन कर रहे हैं…मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लोगों ने पूरी आस्था के साथ मां की पूजा अर्चना की….पूरी श्रद्धा के साथ देवी मां की पूजा अर्चना करके परिवार के लिए मंगल याचना की.. बता दें की माता महागौरी को नारियल से बनी मिठाईयों का भोग लगाया जाता है..इसके अलावा माता को हलवे और काले चने का भोग भी लगाना चाहिए…
मां महागौरी की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद साफ और सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद मां महागौरी की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करने के बाद मां महागौरी को सफेद रंग के वस्त्र धारण कराएं।
- इसके बाद माता महागौरी को सफेद फूल अर्पित करें और कुमकुम या रोली से तिलक करें। इसके बाद मां महागौरी के मंत्रों के जप करें।
- साथ ही मां महागौरी को नारियर से बनी मिठाई और हलवे और काले चने का भोग लगाएं। अंत में माता की आरती उतारें।