मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का खिताब दिलाने वाले बाघ अब दूसरे राज्यों में भी कुनबा बढ़ाएंगे। पड़ोसी राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ से इसकी शुरुआत होने जा रही है।

राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने खुले जंगल में घूमने वाले 6 बाघ एमपी से मांगे हैं। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने छत्तीसगढ़ को 2 बाघ देने की अनुमति भी दे दी है। राजस्थान ने चार बाघ मांगे हैं, लेकिन अभी सहमति नहीं बनी है। एमपी बाघ देने के लिए तैयार है। NTCA अनुमति मिलने के बाद बाघ दिए जाएंगे।

दोनों राज्य बाघों की संख्या बढ़ाने पर दे रहे जोर :

मध्यप्रदेश सहित देशभर के सभी राज्यों को मिलाकर कुल 3682 बाघ हैं। यह स्थिति बाघ आकलन रिपोर्ट 2022 के अनुसार है। सबसे ज्यादा 785 बाघ मध्यप्रदेश के पास हैं। छत्तीसगढ़ में 19 और राजस्थान में 88 बाघ हैं। दूसरे राज्यों की तरह दोनों पड़ोसी राज्य भी बाघों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

एमपी के बाघ सबको पसंद :

वन विभाग के एक्सपर्ट कहते हैं कि मध्यप्रदेश में बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है। इसी कारण दूसरे राज्य भी एमपी के बाघों को पसंद कर रहे हैं और मांग करने लगे हैं। अब एमपी को तय करना है कि उसे बाघ देने चाहिए या नहीं, वैसे दूसरे राज्यों में बाघ दिए जाने से कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि भविष्य के लिए यह अच्छा कदम ही साबित होगा।

सबसे ज्यादा बाघ वाले चार राज्य :

मध्यप्रदेश: 785

कर्नाटक: 563

उत्तराखंड: 560

महाराष्ट्र: 444

इस शर्त पर एमपी देगा बाघ:

असल में किसी भी राज्य के वन्यप्राणी, उसके लिए सम्मान का प्रतीक है। एमपी को भी बाघों ने भारत में ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में पहचान दिलाई है, इसलिए दिए जाने वाले वन्यप्राणी हमेशा सुरक्षित रहे, उन्हें कोई खतरा न हो इस बात की चिंता देने वाला राज्य करता है। चीता परियोजना में यही हो रहा है। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका ने भारत को जब से चीते दिए हैं, तब से उसके विशेषज्ञ नजर रखे हुए हैं। परियोजना की जमीनी हकीकत जानने के लिए दौरे भी किए हैं। एमपी भी दूसरे राज्यों को शर्तों के साथ बाघ देगा।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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