बालोद। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश के बालोद जिले में अबतक श्रम विभाग में श्रम पदाधिकारी की पदस्थापना नहीं की गई है। अबतक बालोद जिला अतिरिक्त प्रभार के भरोसे श्रम विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है।
प्रदेश के बालोद जिले में श्रम विभाग की नज़र शायद पड़ नहीं रही है। ऐसा हम इसलिए कह रहें हैं क्योंकि श्रम विभाग की अब लापरवाही सबके सामने आ चुकी है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव को इतने महीने बीत जाने के बाद अबतक बालोद जिले में श्रम विभाग पूरी तरह कार्यरत नहीं है। बालोद जिले में किसी भी श्रम पदाधिकारी की पदस्थापना ही नहीं की गई है। आपको बता दें, लोकसभा चुनाव के दौरान धमतरी श्रम पदाधिकारी को बालोद जिले का केवल अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। श्रम पदाधिकारी के ना होने से आम जनता और मजदूरों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अपने हक़ के लिए कई मजदूर कार्यालय के चक्कर काटते नज़र आ जाते है।
इतना ही नहीं, जिन अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है वो भी अपनी ड्यूटी से नदारद रहतें हैं। कभी कभार या बोला जाए हफ्ते में एक बार ही श्रम पदाधिकारी जिन्हें अतिरिक्त प्रभार दिया गया है वे बालोद पहुंचते हैं। ऐसे में आम जनता और मजदूर वर्ग योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहें हैं।
श्रम पदाधिकारी की होनी चाहिए नियुक्ति : प्रदेश के बालोद जिले में श्रम पदाधिकारी की ज़रूरत साफ नज़र आती है। ऐसे में एक श्रम पदाधिकारी की नियुक्ति बालोद जिले में अति आवश्यक है।
छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में अतिरिक्त प्रभार के भरोसे चल रहा कार्य : आपको बता दें, सिर्फ बालोद जिला ही नहीं प्रदेश के अधिकांश जिले केवल अतिरिक्त प्रभार के भरोसे चल रहें हैं। इन जिलों का कार्यभार भी बढ़ता जा रहा है जिसमे प्रशासन की नज़र शायद अबतक पड़ी नहीं है।