रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की समीक्षा के लिए एआईसीसी ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है। कमेटी के सदस्य जल्द राज्य का दौरा कर पीसीसी प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं तथा अन्य पदाधिकारियों से हार के कारणों की जानकारी लेंगे।

कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आने वाले दिनों में पीसीसी में बड़े फेरबदल की संभावनाएं हैं।राज्य में हार के कारणों की पड़ताल करने वीरप्पा मोइली और हरीश चौधरी को नियुक्त किया गया है। नियुक्त किए गए कांग्रेसी नेता छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से बात कर यह जानने का प्रयास करेंगे कि राज्य में कांग्रेस का प्रदर्शन चुनाव में इतना खराब कैसे रहा। यहां पर प्रचार के दौरान क्या माहौल रहा, इसे भी जानने का प्रयास होगा। विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के आधार पर सीट नहीं आने का लेकर मंथन कर हार के कारणों का पता लगाया जाएगा। पूरे मामले को लेकर कमेटी रिपोर्ट तैयार कर एआईसीसी को अवगत कराएगी, उसके आधार पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में फेरबदल का निर्णय लिया जा सकता है।

हट सकते हैं बैज :

विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के समय प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज थे। विधानसभा चुनाव के तीन माह पहले ही उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। विधानसभा चुनाव में वे खुद हार गए थे। उसके तीन माह बाद लोकसभा चुनाव में उनके बस्तर लोकसभा क्षेत्र में पार्टी हार गई। बताया जाता है कि स्थनीय नेताओं और संगठन के बीच समन्वय बनाने में उनकी भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। ऐसे में कमेटी की समीक्षा के बाद पीसीसी अध्यक्ष पर पहले गाज गिर सकती है।

चुनाव के दौरान लगे थे आरोप-प्रत्यारोप :

विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार सत्ता और संगठन के बीच समन्वय की कमी देखने को मिली थी। वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ में प्रत्याशी तय होने के बाद से पीसीसी के कई पदाधिकारियों द्वारा लगाए गए आरोप प्रत्यारोप और अन्य मामलों से यहां पर चुनाव कार्य में कार्यकर्ताओं की सक्रियता को बड़ा कारण बताया जाता है। यहां पर प्रत्याशी तय करने में बाहरी प्रत्याशियों और दुर्ग जिले से तीन प्रत्याशियों को अन्य जगहों से चुनाव लड़ाए जाने को भी हार का कारण बताया जा रहा है। राजनांदगांव, बिलासपुर, महासमुंद और जांजगीर के प्रत्याशियों को लेकर स्थानीय नेताओं ने मोर्चा खोला था।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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