रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश में आमजन को लाभ दिलाने और उनका कार्य सही समय पर क्रियान्वयन करने राज्य सरकार द्वारा बहुत से विभाग बनाए गए है। इन विभागों को राज्य सरकार द्वारा बजट दिया जाता है जिससे वे कार्य को पूर्ण करते है। लेकिन प्रदेश में सरकार बदलते ही बजट के अभाव में बहुत से विभागों में काम नहीं हो पा रहा है। ऐसे ही क्रेडा (CREDA) विभाग में बजट के अभाव में कई कार्य लंबित है।
आपको बता दें, प्रदेश के क्रेडा विभाग में फंड के अभाव के चलते बहुत से योजनाओं के कार्य ठप्प पड़े हुए है। फंड (बजट) रिलीज ना होने की वजह से नये कार्यों के अलावा सुरक्षा और मेंटेनेन्स का कार्य भी रुका हुआ है।
बजट के अभाव में क्रेडा विभाग में रुके हुए कार्य :
सौर संबंधों के “संचालन/संधारण एवं रखरखाव हेतु त्रैमासिक राशि राज्य सरकार से अब तक प्राप्त नहीं हो पाई है जिससे संभाग और जिला स्तर के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

राशि के अभाव में कई जिलों में मेंटनेंस के कार्य नहीं हो पा रहे हैं जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इसके साथ ही सोलर ड्यूल पंप के भी मांग सभी जिलों से आ रही है पर बजट के अभाव में इसकी पुर्ति भी नहीं हो पा रही है।
जल जीवन मिशन के कार्य भी फंड के अभाव में संचालित नहीं हो रहा है।

आऊट ऑफ वारंटी संयंत्रों का कार्य भी रुका हुआ है। राज्य सरकार से बजट ना प्राप्त होने के कारण आऊट आफ वारंटी संयंत्रों का कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं।
फंड के अभाव में सेवाकर्ता इकाईयों के लिए सेफ्टी सामग्री की भी कमी है। लगातार जिला स्तर से मांग आने के बावजूद क्रेडा के अधिकारी बजट ना होने के कारण इसकी पुर्ति नहीं कर पा रहे है।
सौर सुजला योजना अंतर्गत अफार्पशील सोलर पंप के सुरक्षानिधि राशि कटौती कर कार्यशील करने का कार्य भी रुका हुआ है।
वारंटी अवधि वाले सोलर पावर प्लांट में अकार्यशील बैट्रीयो की सुरक्षानिधि राशि कटौती कर कार्यशील करने के संबंध में भी कार्य फंड के अभाव में नहीं हो पा रहा है।
सौर सुजला योजना भी फंड के अभाव में ठप्प है। सौर सामुदायिक सिचाई योजना भी बंद है। बजट की वजह से जल जीवन मिशन का कार्य भी लंबित है। सोलर पावर प्लांट (ऑफग्रिड) भी फंड के अभाव में रुका है।बायोगैस कार्य भी बजट ना होने की वजह से लंबित है। सोलर वाटर हिटर का कार्य भी फंड की वजह से रुका हुआ है। सोलर कुकर का कार्य फंड की कमी के कारण रुका हुआ है। जल शुद्धिकरण संयंत्र का कार्य भी लंबित है। सोलर कोल्ड स्टोरेज भी बजट के अभाव का शिकार हुआ है। सोलर सिंचाई पंप का कार्य भी रुका है। सोलर हाई मास्ट का कार्य भी फंड ना मिलने के कारण लंबित है। ऑफग्रिड सोलर विण्ड हाई ब्रिड पावर प्लांट का कार्य भी रुका हुआ है। सौर संयंत्रों के “संचालन/संधारण एवं रखरखाव” का कार्य भी बजट (फंड) के अभाव में ठप्प है।
बजट (फंड) जारी नहीं होने की वजह से क्रेडा विभाग के कार्य लंबित होते जा रहे है। कार्यों के रुकने से किसान एवं हितग्राहियो को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। केवल योजनाएं ही नहीं सुरक्षा और मेंटेनेन्स का कार्य भी नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों को भी कार्य करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य में सरकार बदले 8 महीने के ऊपर हो चूका है, बावजूद इसके अबतक बजट (फंड) जारी नहीं किया गया है। अब यहां सवालों की झड़ी लगती है कि ऐसा क्या कारण है की फंड का अभाव विभागों को झेलना पड़ रहा है? राज्य सरकार द्वारा फंड क्यों जारी नहीं किया जा रहा है? हितग्राहियो को लाभ कब मिलेगा?