नारायणपुर की ये खबर सुदूर इलाकों में जिंदगी की जद्दोजहद से रू-ब-रू करा रही है.साथ ही सिस्टम पर भी सवाल खड़े कर रही है.भारी बारिश के बाद मेरोली नदी में बाढ़ आई और भरंडा पंचायत के हुच्चाकोट गांव में पुलिया बह गई.तीन दिनों तक ग्रामीण गांव में कैद रहे.जब हुक्मरानों ने सुध नहीं ली , तो ग्रामीणों ने श्रमदान से पुलिया बनाने का फैसला लिया.

अब ग्रामीण बल्ली की सहायता से अस्थायी तौर पर आवाजाही के लिए रास्ता तैयार कर रहे हैं.ग्रामीणों की पहल से तीन दिन बाद गांव के स्कूल में शिक्षक पहुंचे और बच्चों ने पढ़ाई की.इस मामले में SDM का कहना है कि पुलिया पांच साल पुरानी थी.इसकी मरम्मत के लिए इस्टीमेट तैयार किया जा रहा है.सवाल ये उठता है कि आखिर ये कदम बारिश के मौसम से पहले क्यों नहीं उठाया गया ?
